Home » Jharkhand Political Parties Showcause : झारखंड की सात गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टियों को निर्वाचन आयोग ने किया शोकॉज

Jharkhand Political Parties Showcause : झारखंड की सात गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टियों को निर्वाचन आयोग ने किया शोकॉज

जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के उल्लंघन पर हुई कार्रवाई, लगातार तीन वर्षों का अंकेक्षित खाता और व्यय-विवरणी जमा नहीं कराने का आरोप

by Vivek Sharma
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

Ranchi (Jharkhand) : झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (CEO) के रवि कुमार ने राज्य की सात पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को कारण बताओ नोटिस (Showcause Notice) जारी किया है। इन दलों पर जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के प्रावधानों का उल्लंघन करने का गंभीर आरोप है, जिसके बाद उनके अस्तित्व पर संकट मंडराने लगा है।

जिन सात दलों को नोटिस भेजा गया है, उनमें रांची की झारखंड क्रांतिकारी पार्टी, झारखंड पार्टी (सेक्युलर), लोक जन विकास मोर्चा, राष्ट्रीय देशज पार्टी एवं राष्ट्रीय संगाइल पार्टी, पूर्वी सिंहभूम की झारखंड पीपल्स पार्टी (झापीपा) और चतरा की राष्ट्रीय जनक्रांति मोर्चा शामिल हैं।

वित्तीय अनियमितता और व्यय-विवरणी में लापरवाही

वार्षिक अंकेक्षित खाता : इन्होंने लगातार तीन वित्तीय वर्षों (2021-22, 2022-23, 2023-24) का वार्षिक अंकेक्षित खाता (Audited Accounts) संबंधी विवरण भारत निर्वाचन आयोग (ECI) को ससमय उपलब्ध नहीं कराया।

चुनाव व्यय-विवरणी : विधानसभा और लोकसभा चुनावों में भाग लेने के बावजूद, इन्होंने निर्धारित समय सीमा (विधानसभा चुनाव के बाद 75 दिन और लोकसभा चुनाव के बाद 90 दिन) के भीतर अपना व्यय-विवरणी भी आयोग को समर्पित नहीं किया।

9 अक्टूबर तक मांगा गया जवाब, 16 अक्टूबर को व्यक्तिगत सुनवाई

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने सभी सात दलों को 9 अक्टूबर 2025 तक शपथ पत्र एवं आवश्यक साक्ष्यों के साथ अपना पक्ष रखने का कड़ा निर्देश दिया है। इसके अतिरिक्त, 16 अक्टूबर को इन दलों के लिए व्यक्तिगत सुनवाई की तिथि भी तय की गई है।

आयोग ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि नियत समय तक पक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया, तो यह मान लिया जाएगा कि पार्टी का अस्तित्व समाप्त हो चुका है। इस संबंध में अंतिम रिपोर्ट भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली को भेज दी जाएगी। संबंधित राजनीतिक दलों को यह नोटिस उनके पंजीकृत पते पर भेजने के साथ-साथ समाचार पत्रों में आम सूचना के रूप में भी प्रकाशित कराया गया है।

Related Articles

Leave a Comment