पटनाः चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर अपने द्वारा चुने हुए प्रत्याशियों को लेकर ही आश्वस्त नहीं लग रहे है और उम्मीदवार बदलना पड़ रहा है। वैसे तो उन्होंने जनसुराज पार्टी की तैयारी अगले साल बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने की थी, लेकिन प्रशांत ने इसी उपचुनाव में हाथ आजमाने की सोची है।
पैसों की कमी के कारण…
उपचुनाव में जनसुराज पार्टी के 4 उम्मीदवार मैदान में है। लेकिन नॉमिनेशन से पहले ही उम्मीदवार बदलने पड़े। बेलागंज की सीट से प्रशांत ने प्रोफेसर अमजद को टिकट दिया था। कुछ दिनों बाद मीडिया में खबर आई कि उन्होंने पैसों की कमी का हवाला दिया और चुनाव लड़ने से पीछे हट गए। प्रोफेसर अमजद ने अपनी जगह प्रोफेसर खिलाफत हुसैन के नाम का प्रस्ताव दिया।
इन सारे घटनाक्रम के बाद 23 अक्तूबर को प्रशांत ने प्रेस कांफ्रेंस कर जानकारी दी कि प्रोफेसर अमजद ही बेलागंज सीट से चुनाव लड़ेंगे। जनसुराज पार्टी और प्रोफेसर खिलाफत हुसैन ने बताया कि वे बढ़ती उम्र और पढ़ाई-लिखाई के कामों में व्यस्त रहते है।
कृष्ण के बदले किरण
दूसरी सीट तरारी की है, जहां कृष्ण सिंह को उम्मीदवार घोषित किया गया था, लेकिन फिर किरण सिंह को टिकट दिया गया। इसमें चुनाव आयोग के नियमों का हवाला दिया गया। मीडिया रिपोर्टस में कहा जा रहा है कि जन सुराज पार्टी में उम्मीदवारों के चयन का आधार राजनीतिक नहीं बल्कि प्रोफेशनल है। ऐसे में प्रोफेशनल लोगों को जमीनी स्तर की राजनीति की समझ कम होती है।
हमने लड़ना चुनाः पार्टी प्रवक्ता
जनसुराज पार्टी के प्रवक्ता विवेक कुमार ने बताया कि कृष्ण सिंह का वोटर कार्ड बिहार का ही थी, लेकिन पत्नी के देहांत के बाद वे नोएडा शिफ्ट हो गए, वहीं बिजली बिल देने लगे, तो वोटर कार्ड भी वहीं का हो गया। चुनाव आय़ोग ने आचार संहिता का हवाला दिया और चुनाव से पीछे हटने की समझाइश, लेकिन हमने लड़ने का फैसला किया और कृष्ण सिंह की जगह किरण सिंह को उम्मीदवार बनाया गया।
उन्होंने यह भी साफ किया कि प्रत्याशियों के चयन को लेकर पार्टी के भीतर कोई मतभेद नहीं है। आगे विवेक कुमार ने बताया कि हमारी पार्टी में प्रत्याशियों का चुनाव जनता और सर्वे के माध्यम से किया जा रहा है। हम समाज में से मथ कर कैंडिडेट निकाल रहे है।
बिहार के वोटर नहीं है कृष्ण सिंह
दरअसल कृष्ण सिंह बिहार के वोटर नहीं हैं। पिछली लोकसभा चुनाव में उन्होंने दिल्ली में वोट डाला था और उनका नाम दिल्ली की वोटर लिस्ट में शामिल है। अब मतदाता सूची में उनके नाम को लेकर जिला प्रशासन ने सवाल उठाया है। इस पर प्रशांत किशोर ने बचाव के लहजे में कहा कि ये बड़ा अजीब नियम है कि बिहार का कोई नागरिक किसी दूसरे राज्य में वोटर होने के कारण चुनाव नहीं लड़ सकता है।
गौरतलब है कि बिहार की 4 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे है। जिसमें भोजपुर की तरारी सीट, कैमूर जिले की रामगढ़, गया की बेलागंज और इमामगंज सीट शामिल है। इन सीटों पर 13 नवंबर को मतदान होने है।