रांची : झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर सुदेश महतो की आजसू पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की तीसरी सूची जारी की है। इस सूची में डुमरी विधानसभा क्षेत्र से यशोदा देवी को टिकट दिया गया है। यशोदा देवी दिवंगत दामोदर महतो की पत्नी हैं, जो झारखंड आंदोलन की एक प्रमुख हस्ती थे। इस बार उन्हें डुमरी में झामुमो की उम्मीदवार बेबी देवी और जेएलकेएम के युवा नेता जयराम महतो के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारा गया है।
आजसू पार्टी को एनडीए गठबंधन में कुल 10 सीटें मिली हैं। डुमरी सीट को भी इस गठबंधन के तहत आजसू पार्टी के हिस्से में लाया गया है। इस सीट पर टिकट के लिए आजसू पार्टी के तीन प्रमुख नेता (दुर्योधन महतो, यशोदा देवी और बैजनाथ महतो) ने अपनी दावेदारी पेश की थी। अंततः पार्टी ने यशोदा देवी के पक्ष में निर्णय लिया, जो एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
यशोदा देवी का चुनावी मैदान में उतरना न केवल उनके पति की विरासत को आगे बढ़ाने का प्रयास है, बल्कि यह आजसू पार्टी की सामाजिक और राजनीतिक पहचान को भी मजबूत करता है। उनकी छवि एक संघर्षशील नेता के रूप में रही है, और उनका नामांकन पार्टी के कार्यकर्ताओं और स्थानीय जनसमुदाय में नई उम्मीद जगाने का कार्य करेगा।
आजसू पार्टी ने इससे पहले भी अपनी पहली और दूसरी सूची जारी की थी, जिसमें कुल 10 सीटों में से 8 उम्मीदवारों की घोषणा की गई थी। इनमें सिल्ली से सुदेश महतो, रामगढ़ से सुनीता चौधरी, लोहरदगा से नीरू शांति भगत, जुगसलाई से रामचंद्र सहिस, मांडू से निर्मल महतो उर्फ तिवारी महतो, ईचागढ़ से हरेलाल महतो और पाकुड़ से अजहर इस्लाम के नाम शामिल थे।
झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के तहत मतदान दो चरणों में होगा। पहले चरण का मतदान 13 नवंबर को और दूसरे चरण का मतदान 20 नवंबर को होगा। चुनाव परिणाम की गणना 23 नवंबर को की जाएगी। इस बार के चुनाव में विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच प्रतिस्पर्धा काफी तेज है, जिससे यह चुनाव झारखंड की राजनीति के लिए मील का पत्थर बन सकता है।
डुमरी सीट पर यशोदा देवी का मुकाबला झामुमो की बेबी देवी से होगा, जो क्षेत्र में अच्छी पहचान रखती हैं और स्थानीय मुद्दों पर सक्रिय रही हैं। इसके अलावा, जेएलकेएम के जयराम महतो भी युवा मतदाताओं को अपने पक्ष में लाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। इस सीट पर होने वाली प्रतिस्पर्धा यह दर्शाती है कि झारखंड की राजनीति में नए चेहरे और विचारों का महत्व बढ़ रहा है।
इस चुनाव में आजसू पार्टी के लिए यह एक बड़ा मौका है। पार्टी को अपने अनुभव और सामाजिक सरोकारों को सही तरीके से प्रस्तुत करने की आवश्यकता है। यशोदा देवी के माध्यम से आजसू ने स्पष्ट संकेत दिया है कि वे झारखंड के विकास और सामाजिक न्याय के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इन चुनावों में मतदाता अपनी पसंद के अनुसार अपने प्रतिनिधियों को चुनेंगे, जो कि झारखंड की राजनीतिक दिशा को तय करेगा। आजसू पार्टी और अन्य दलों के प्रत्याशियों की छवि, उनकी उपलब्धियां और जनता के साथ उनका जुड़ाव ही इस चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाएगा।
आने वाले चुनावों में मतदाताओं के मन की समझना और उनकी आकांक्षाओं के प्रति संवेदनशीलता बनाए रखना राजनीतिक दलों के लिए बेहद जरूरी होगा। झारखंड के लोग इस बार एक नई दिशा की तलाश में हैं और उनकी पसंद ही आने वाले वर्षों के लिए राज्य की राजनीति का स्वरूप तय करेगी।
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