सेंट्रल डेस्क: Amarnath Yatra 2024: कड़े और व्यापक सुरक्षा प्रबंधों के साथ 52 दिवसीय लंबी वार्षिक अमरनाथ यात्रा आज से विभिन्न मार्गों से शुरू हो रही है। वहीं अमरनाथ यात्रियों का पहला जत्था दो आधार शिविरों नुनवान पहलगाम से चंदनवाड़ी और सोनमर्ग की ओर अपनी यात्रा शुरू कर रहा है। यात्रियों ने ‘हर- हर महादेव बम- बम बोले’ के जयकारे के बीच भगवान शिव के निवास अमरनाथ गुफा की ओर अपनी यात्रा शुरू की।
Amarnath Yatra 2024- ‘हर हर महादेव’, ‘बम बम बोले’ के जयकारों के साथ शुरू हुई अमरनाथ यात्रा
अनंतनाग जिले में पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबा नुनवान-पहलगाम मार्ग और गंदेरबल जिले में छोटा लेकिन 14 किलोमीटर लंबा बालटाल मार्ग। उत्साहित तीर्थयात्रियों ने सुबह-सुबह ‘हर हर महादेव’ बम बम बोले के जयकारों के बीच भगवान शिव के निवास अमरनाथ गुफा की ओर अपनी यात्रा शुरू की। श्रद्धालुओं के लिए की गई व्यवस्थाओं से यात्री खुश नजर आए।
Amarnath Yatra 2024- जुड़वां आधार शिविरों से रवाना हुआ यात्रियों का जत्था
वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों का पहला जत्था बालटाल और नुनवान में स्थित जुड़वां आधार शिविरों से दक्षिण कश्मीर हिमालय में 3880 मीटर ऊंचे गुफा मंदिर की यात्रा पर शनिवार सुबह रवाना हुआ। इसके साथ ही कश्मीर घाटी से श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा की यात्रा शुरू हो गई है। यात्रा सुबह दो मार्गों पारंपरिक 48 किलोमीटर नुनवान-पहलगाम मार्ग और 14 किलोमीटर बालटाल मार्ग से शुरू हो गई।
Amarnath Yatra 2024- कश्मीर के उपराज्यपाल ने दिखाई हरी झंडी
अधिकारियों ने बताया कि दोनों मार्गों पर तीर्थयात्रियों के जत्थों को संबंधित उपायुक्तों और वरिष्ठ पुलिस और नागरिक प्रशासन के अधिकारियों ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुक्रवार सुबह जम्मू के भगवती नगर में यात्री निवास आधार शिविर से 4,603 तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। तीर्थयात्री शुक्रवार दोपहर में कश्मीर घाटी पहुंचे और प्रशासन और स्थानीय लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया। आज तीर्थयात्री गुफा मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे, जहां प्राकृतिक रूप से निर्मित बर्फ का शिवलिंग स्थित है।
Amarnath Yatra 2024- 19 अगस्त को होगा 52 दिवसीय तीर्थयात्रा का समापन
वहीं यात्रा के सुचारु संचालन के लिए कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं। पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस और अन्य अर्धसैनिक बलों के हजारों सुरक्षाकर्मियों को सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए तैनात किया गया है। साथ ही हवाई निगरानी भी की जा रही है। 52 दिवसीय तीर्थयात्रा का समापन 19 अगस्त को होगा।