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सलाहकार से CM तक, इन 2 मुद्दों ने आतिशी के पोर्टफोलियो को दी मजबूती

आतिशी ना केवल कैबिनेट का प्रमुख चेहरा हैं, बल्कि पार्टी की सक्रियता का महत्वपूर्ण हिस्सा भी हैं। उन्होंने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर पार्टी के विचार भी सामने रखे हैं।

by Priya Shandilya
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सेंट्रल डेस्क: दिल्ली सरकार में बतौर सलाहकार काम करने से लेकर मुख्यमंत्री पद के लिए नामित होने तक आतिशी की इस उपलब्धि को उल्लेखनीय माना जा रहा है। वरिष्ठ नेताओं की अनुपस्थिति में कैबिनेट का प्रमुख चेहरा बनीं आतिशी ने दिल्ली की आप (AAP) सरकार में रहते हुए कई बड़े-बड़े काम किए हैं।

2013 में ज्वाइन किया आम आदमी पार्टी

आतिशी ने 2013 में आम आदमी पार्टी का साथ पकड़ा था। बतौर कैबिनेट मंत्री, उन्होंने 14 अहम विभागों के काम संभाले। इनमें शिक्षा, लोक निर्माण विभाग (PWD), टूरिज्म, संस्कृति और बिजली विभाग शामिल हैं। दिलचस्प बात ये है कि राजनीति में आने से पहले आतिशी ने मध्य प्रदेश के एक गांव में सात वर्ष तक रहकर ग्रामीणों में जागरूकता का बीज बोया था।    

ये हैं वो दो मुद्दे जो आतिशी के लिए अहम साबित हुए

आतिशी गांव की दशा सुधारने और वहां ग्राम स्वराज के सिद्धांत को लेकर गांवों में जागरूकता लाना चाहती थीं। उन्होंने प्रवीण सिंह (अब आतिशी के पति) के साथ मिलकर मध्य प्रदेश में 2007 में एक ग्राम संप्रदाय स्थापित किया। यहां उन्होंने ना केवल गांवों में शिक्षा पर काम किया बल्कि ऑर्गेनिक फार्मिंग के प्रोजेक्ट पर भी ग्रामीणों को जागरूक किया। पार्टी के एक पदाधिकारी के अनुसार, आतिशी के इस अनुभव ने राजनीति में उनके आने का रास्ता आसान कर दिया। परिवर्तन के प्रति आतिशी के इस समर्पण ने उनके पोर्टफोलियो को काफी मजबूत नींव प्रदान की है। 

क्यों हटाया सरनेम ‘मार्लेना?

आतिशी 2013 में ‘आप’ का हिस्सा बनीं थी। उन्होंने पर्दे के पीछे रहते हुए शिक्षा संबंधी नीतियों पर सरकार की सलाहकार के रूप में काम किया और 2019 में चुनावी राजनीति में कदम रखा। सक्रिय राजनीति में आने से पहले, आतिशी ने अपना सरनेम मार्लेना, जो कि मार्क्स और लेनिन से मिलकर बना है, को हटा दिया था। वे नहीं चाहती थीं कि उनकी राजनीतिक संबद्धताओं का गलत अर्थ निकाला जाए।

लोकसभा चुनाव में गौतम गंभीर से मिली थी हार

2019 में पूर्वी दिल्ली से भाजपा के गौतम गंभीर के खिलाफ लोकसभा चुनाव में शिकस्त का सामना करने के बाद आतिशी ने 2020 में फिर से चुनाव लड़ा। इस बार उन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाग लिया और कालकाजी से विधायक चुनी गईं। पिछले साल फरवरी में एक्साइज पालिसी केस (उत्पाद शुल्क नीति) मामले में जब मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद आप सरकार परेशानी से घिर गई थी, तब आतिशी को कैबिनेट में शामिल किया गया था। 

जब सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद ‘आप’ पर टूटा पहाड़

इस दौरान आतिशी ने शासन संभाला और धीरे-धीरे वे पदोन्नत होती गईं। इस वक्त देखा जाये तो आतिशी के पास सबसे अधिक पोर्टफोलियो हैं, जिनमें वित्त, पीडब्ल्यूडी और शिक्षा जैसे प्रमुख विभाग शामिल हैं। जब राजधानी पानी की कमी से जूझ रही थी, तब उन्होंने हरियाणा से दिल्ली के पानी के हिस्से की मांग के लिए भूख हड़ताल भी की थी। आतिशी ना केवल कैबिनेट का प्रमुख चेहरा हैं, बल्कि पार्टी की सक्रियता का महत्वपूर्ण हिस्सा भी हैं। उन्होंने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर पार्टी के विचार भी सामने रखे हैं।

दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री

दिल्ली सरकार में सबसे ज्यादा मंत्रालय संभालने वाली आतिशी को सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित के बाद राजधानी की मुख्यमंत्री बनने वाली तीसरी महिला होने का गौरव हासिल हुआ है। आतिशी AAP  की संस्थापक सदस्य थीं और उन्होंने इसकी नीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसमें 2013 घोषणापत्र मसौदा समिति के प्रमुख सदस्य भी शामिल थे। उन्होंने हमेशा पार्टी के सिद्धांतों के लिए आवाज उठाई है। 

प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर लगाई थी लगाम

दिल्ली के चर्चित शिक्षा क्रान्ति में भी आतिशी की अहम भूमिका रही है। उन्होंने दिल्ली सरकार के स्कूलों के बुनियादी ढांचे में सुधार करने, शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत स्कूल प्रबंधन समितियों का गठन करने, निजी स्कूलों पर मनमाने ढंग से फीस बढ़ाने पर लगाम लगाने, हैप्पीनेस पाठ्यक्रम शुरू करने जैसे नियमों को अमल में लाने में खास योगदान दिया है। 2022 में, उन्होंने न्यूयॉर्क में आयोजित संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया था, जिसमें दिल्ली को शहरी शासन के लिए एक वैश्विक मॉडल के रूप में पेश किया था।

जल्द ही संभालेंगी कुर्सी

मंगलवार को दिल्ली में हुए विधायक दल की बैठक में आतिशी को सर्वसम्मति से मुख्यमंत्री पद के लिए चुना गया। इसके साथ ही 43 साल की आतिशी सबसे युवा मुख्यमंत्री समेत दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनेंगी। आतिशी जल्द ही दिल्ली की मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालेंगी।

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