RANCHI: अगस्त क्रांति दिवस और विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय, कांग्रेस भवन में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने की। इस दौरान स्वतंत्रता आंदोलन में अगस्त क्रांति की भूमिका पर प्रकाश डाला गया और स्वतंत्रता सेनानियों के चित्रों पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि 9 अगस्त 1942 को महात्मा गांधी ने “करो या मरो” का नारा दिया था, जिसने स्वतंत्रता आंदोलन को नई दिशा दी।
उन्होंने इसे देश की आजादी की निर्णायक घड़ी बताते हुए कहा कि आज का दिन स्वतंत्रता के लिए बलिदान देने वाले महान विभूतियों को याद करने का है। साथ ही उन्होंने विश्व आदिवासी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आदिवासी समाज जल, जंगल और जमीन की रक्षा में सदियों से अग्रणी रहा है। और आज भी अपनी संस्कृति और पहचान को संरक्षित रखे हुए है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय ने भारत छोड़ो आंदोलन को आजादी का मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन में समाज के हर वर्ग ने भाग लिया और बलिदान दिया, जिसके परिणामस्वरूप अंग्रेजी हुकूमत को हार माननी पड़ी। उन्होंने आदिवासी समाज को बधाई देते हुए कहा कि बिरसा मुंडा, सिद्धू-कान्हू, चांद-भैरव और फूलो-झानो जैसे वीरों ने न केवल स्वतंत्रता आंदोलन को तेज किया। बल्कि कई आदिवासी नायको ने झारखंड के निर्माण में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।
कार्यक्रम में अनादी ब्रह्म, राकेश सिन्हा, विनय सिन्हा दीपू, सोनाल शांति, अभिलाष साहू, गजेंद्र सिंह, जगदीश साहू, राजन वर्मा सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।