नई दिल्ली : भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला 11 जून 2025 को Axiom-4 अंतरिक्ष मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए उड़ान भरेंगे। वह राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष पर जाने वाले दूसरे भारतीय होंगे।
स्पेसएक्स के Falcon-9 रॉकेट से प्रक्षेपित होने वाला यह मिशन पहले 10 जून को निर्धारित था, लेकिन खराब मौसम के कारण इसे 11 जून 2025 शाम 5.30 बजे (IST) तक के लिए स्थगित कर दिया गया। यह उड़ान अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित NASA के Kennedy Space Center के LC-39A से होगी, जहां से अपोलो 11 मिशन के तहत नील आर्मस्ट्रांग ने 1969 में चंद्रमा के लिए उड़ान भरी थी।
क्या है Axiom-4 मिशन और क्यों है खास
Axiom-4 मिशन को अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA और ह्यूस्टन आधारित निजी कंपनी Axiom Space द्वारा संयुक्त रूप से संचालित किया जा रहा है। इसे भारत, पोलैंड और हंगरी के लिए ऐतिहासिक माना जा रहा है क्योंकि इन तीनों देशों का यह पहला सरकार-प्रायोजित मानव अंतरिक्ष मिशन होगा जो सीधे ISS पर पहुंचेगा।
इस मिशन को भारत में Mission Akash Ganga के नाम से भी जाना जा रहा है। इस मिशन की अगुवाई Axiom Space की मानव अंतरिक्ष उड़ान निदेशक पैगी व्हिटसन कर रही हैं, जबकि शुभांशु शुक्ला इस मिशन में पायलट की भूमिका निभाएंगे।
14 दिन की अंतरिक्ष यात्रा में 60 प्रयोग
Axiom-4 मिशन के तहत चारों अंतरिक्ष यात्री 14 दिनों तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में रहेंगे और वहां करीब 60 वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे। इन प्रयोगों में जीवन विज्ञान, तकनीकी प्रदर्शन, मधुमेह से जुड़ा अनुसंधान और अन्य उन्नत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों का परीक्षण शामिल है।
यह मिशन ना केवल भारत के लिए, बल्कि वैश्विक स्तर पर निम्न-पृथ्वी कक्षा में राष्ट्रीय अंतरिक्ष कार्यक्रमों के विस्तार और सहयोग का प्रतीक है।
शुभांशु शुक्ला : भारत के गौरव
भारतीय वायुसेना के 39 वर्षीय ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को ISRO द्वारा इस ऐतिहासिक मिशन के लिए प्रमुख अंतरिक्ष यात्री (Prime Astronaut) के रूप में चयनित किया गया है। वर्तमान में वे पूर्व-प्रक्षेपण क्वारंटीन में हैं, जो किसी भी प्रकार के संक्रमण से सुरक्षा के लिए अनिवार्य प्रक्रिया होती है।
अब तक चार बार टल चुका है मिशन
Axiom-4 मिशन को अब तक चार बार स्थगित किया जा चुका है। हालांकि इस बार सभी तैयारियां पूरी हैं और मौसम अनुकूल रहने की स्थिति में यह 11 जून को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया जाएगा।