लातेहार : लातेहार जिले के परसही पंचायत के बघमरी टोला में पेयजल की गंभीर समस्या अब तक अनसुलझी है। यहां के लगभग 100 आदिवासी लोग आज भी एक पुराने कुएं पर निर्भर हैं, जो गर्मी में सूख जाने के बाद उन्हें पानी के लिए पोखरों का रुख करने को मजबूर कर देता है। सरकार की घर-घर शुद्ध पेयजल योजना का लाभ यहां तक नहीं पहुंच पाया है, और ग्रामीण पानी की इस किल्लत से जूझ रहे हैं।
बघमरी टोला में पानी की स्थिति
लातेहार जिला मुख्यालय से महज दो किलोमीटर दूर स्थित बघमरी टोला, उरांव जनजाति की एक अलग बस्ती है, जहां पेयजल की समस्या विकट बनी हुई है। यहां के लोग एक पुराने कुएं पर आश्रित हैं, जो कभी शुद्ध पानी प्रदान करता था, लेकिन अत्यधिक गर्मी के कारण यह भी सूख जाता है। गांव के आसपास स्थित पोखर, जिनमें बरसात में थोड़ा पानी होता है, गर्मी में यह भी पानी देने के काबिल नहीं रहते।
वर्षा के बाद की मुश्किलें
गर्मी में पानी की भारी कमी हो जाती है, जबकि बरसात के दौरान कुएं और पोखर का पानी पीने लायक नहीं रहता। इन परिस्थितियों में, ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए 1 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। इस समस्या से जूझते हुए ग्रामीणों ने कई बार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से सहायता मांगी, लेकिन कोई ठोस समाधान अब तक नहीं मिल सका।
ग्रामीणों की स्थिति और समस्याएं
ननकू उरांव और आरती कुमारी जैसे स्थानीय निवासी बताते हैं कि उन्होंने कई बार मुखिया से भी मांग की थी कि गांव में कम से कम एक सोलर जल मीनार लगाई जाए, लेकिन उनकी शिकायतों का निवारण नहीं हुआ।
सांसद और अधिकारी का जवाब
लातेहार जिला परिषद अध्यक्ष, पूनम देवी ने कहा कि बघमरी टोला में पानी की समस्या की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता को इस मुद्दे पर कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है। उन्होंने बताया कि एक पुराने चापानल की मरम्मत की गई है, जिससे ग्रामीणों को थोड़ी राहत मिल सके। इसके अलावा, विभागीय अभियंता ने यह भी सुनिश्चित किया है कि जल्द ही सोलर आधारित जलमीनार लगाई जाएगी, ताकि पानी की समस्या का स्थायी समाधान किया जा सके।
समस्या का समाधान जल्द होगा
पानी की समस्या के समाधान के लिए अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही यहां सोलर जल मीनार स्थापित कर दी जाएगी, जिससे गांववासियों को पीने के पानी की समस्या से निजात मिल सकेगी।