Bahraich Violence: उत्तर प्रदेश के बहराइच में हुई वीभत्स हिंसा के दो आरोपियों का एनकाउंटर हो गया है। कुल 5 लोग पकड़े गए थे। पांचों नेपाल भागने की फिराक में थे। जिनका एनकाउंटर हुआ, उनके नाम सरफराज और फहीम था। घटना वाले दिन से ही पुलिस को इनकी तलाश थी।
आला अधिकारियों ने की बैठक
पुलिस को जैसे ही इनके लोकेशन का पता चला, इन्हें ट्रैक किया गया। ये दोनों मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद के बेटे बताए जा रहे है। इस एनकाउंटर के बाद से ही पुलिस हेड क्वार्टर में बड़ी बैठक चल रही है। इस बैठक में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर सहित कई बड़े अधिकारी शामिल हुए है।
इस मामले में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश ने बताया कि अभी कैजुअलटी की कोई सटीक जानकारी नहीं है। लेकिन पुलिस ने पांच आऱोपियों को पकड़ा है। शुरूआती जानकारी के अनुसार, 5 लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिसमें से 2 को एनकाउंटर के दौरान गोली लग गई। घटना नेपाल की सीमा से सटे हांडा बसेहरी नहर के पास की है।
डॉक्टर ने बताया- बुलेट फंसी है
दूसरी ओर घायल आरोपियों को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थय केंद्र नानपारा भेजा गया है, जहां डॉक्टरों ने बताया कि एक आरोपी के दाएं पैर में औऱ दूसरे आरोपी के बाएं पैर में गोली लगी है। बुलेट का एग्जिट प्वाइंट नहीं मिला है अर्थात् बुलेट अंदर फंसी हुई है। ऐसे में उन्हें जिला अस्पताल रेफर किया गया है।
एनकाउंटर में मारे गए मृतकों की बहन रूखसार ने कहा है कि कल शाम 4 बजे मेरे पिता अब्दुल रहीम, मेरे भाई सरफराज और फहीम व एक अन्य युवक को एसटीएफ ले गई थी। हमें डर है कि वे मुठभेड़ में मारे जा सकते है।
अखिलेश यादवः अपनी नाकामी छिपा रही सरकार
इस घटना के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि बीजेपी ने यूपी पुलिस को बिगाड़ दिया है। यह एनकाउंटर नहीं है, हत्या है। योगी सरकार के प्रति तीखे तेवर अपनाते हुए अखिलेश ने कहा कि योगी सरकार अपनी नाकामी छिपाने औऱ डर पैदा करने के लिए ऐसी कार्रवाई कर रही है।
क्या कहता है पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट
उधर बहराइच हिंसा में मारे गए रामगोपाल मिश्रा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी सामने आ गई है। 28 साल के रामगोपाल की मौत का कारण एंटीमॉर्टम गनशॉट बताया जा रहा है, जिसके कारण उन्हें सदमा और रक्तस्त्राव हुआ। रिपोर्ट में बताया गया है कि उनके सीने, गर्दन और चेहरे पर कई गोलियों की चोटों के निशान है। इस रिपोर्ट में मृतक को करंट देने, उसके नाखून उखाड़ने की बातों को बेबुनियाद बताया गया है।
पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट के अनुसार, रामगोपाल की उम्र 28 वर्ष थी। सदमा और रक्तस्त्राव के कारण मृत्यु हुई। सीने, गर्दन और चेहरे पर गोलियों के निशान की बात कही गई है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बिजली से मौत (Electrocution) की थ्योरी को पूरी तरह से खारिज नहीं किया जा सकता है और न ही इसकी पुष्टि की जा सकती है।
कैसे फैली बिजली के झटकों की अफवाह
दरअसल सोशल मीडिया पर रामगोपाल की जो तस्वीर घूम रही थी, उसमें उनके पैरों गहरी जली हुई चोट बताया गया। यहीं से बिजली के झटके और टॉर्चर की थ्योरी शुरु हुई थी। पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट में 8 गंभीर चोटें और 40 जगह छर्रे लगने से एंट्री वाउंड बताया गया। छाती से गर्दन तक 29 छर्रे लगे है।
इस मामले में पुलिस ने बताया कि मारने से पहले मृतक के साथ क्रूरता से बर्बरता की गई। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि मृतक के संबंध में जो बातें सोशल मीडिया पर फैलई जा रही है, वो पूरी तरह से गलत है। पोस्टमॉर्टम में सिर्फ गोली लगना ही मौत का कारण बताया गया है।
क्या है मामला
बहराइच के हरदी थाना क्षेत्र में शाम 6 बजे दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के लिए जूलुस निकाले गए। जूलुस जब महाराजगंज बाजार से समुदाय विशेष के मोहल्ले से गुजर रहा था, तभी दो पक्षों में बाताबाती हो गई और छतों से पत्थर फेंके जाने लगे। जिससे विसर्जन में भगदड़ मच गई। तभी रामगोपाल को एक छत पर गोली मार दी गई औऱ बवाल शुरू हो गया। जगह-जगह प्रदर्शन, आगजनी संबंधी घटनाओं की खबर आने लगी। हिंसा इस कदर भड़की, कि एडीजी लॉएंड ऑर्डर को खुद पिस्तौल लेकर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ना पड़ा।