पटना : बिहार विधानसभा में मॉनसून सत्र की शुरुआत हो चुकी है। विपक्ष सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहा। इस बीच मंगलवार को पटना में नियोजित शिक्षकों का महाजुटान शुरू हो गया है। गर्दनी बाग इलाका इसका केंद्र बना हुआ है। नियोजित शिक्षक राज्य कर्मी का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं।
एक तरफ जहां बाहर आंदोलन चल रहा है। वहीं विधानसभा के अंदर हंगामा जारी है। BJP ने सरकार पर सीधा हमला बोल दिया है। पार्टी सरकार पर मनमाना फैसले लेने का आरोप लगा रही है। सोमवार को मॉनसून सत्र के पहला दिन भी कमोवेश यही स्थिति रही। मंगलवार को दूसरे दिन कार्रवाई प्रारंभ होते ही विपक्षी खेमे ने आवाज उठाना शुरू कर दिया। नियोजित शिक्षकों के मसले को लेकर सरकार के कुछ सहयोगी दल भी विपक्ष के सूर में सूर मिला रहे हैं।
क्या है पटना की मौजूदा स्थिति
पटना में धरना स्थल बने गर्दनी बाग में हजार की संख्या में शिक्षक पहुंच चुके हैं। धरनास्थल से शिक्षकों ने सरकार पर जुबानी हमला करना शुरू कर दिया है। शिक्षकों की मांग है कि सरकार बिना शर्त उन्हें राज्य कर्मी घोषित करे। दोपहर के 12 बजे तक शिक्षकों की भीड़ से पूरा गर्दनी बाग का इलाका भर चुका है। अभी भी शिक्षकों के आने का सिलसिला जारी है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को भारी मशक्कत करनी पड़ रही है। बड़ी संख्या में जवान मुस्तैद हैं।
सभी संवेदनशील क्षेत्रों में पुलिस बलों को तैनात किया गया है। विधानसभा की ओर जाने वाले सभी सड़कों पर बैरिकेडिंग कर दी गसी है। पूरे रास्ते में पुलिस जवानों की तैनाती कर दी गई है। विधानसभा घेराव को देखते हुए डाकबंगला चौराहा, इनकम टैक्स गोलंबर,गर्दनीबाग धरना स्थल आदि स्थानों को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है।
इस बीच कई जिलों से खबर आ रही है कि शिक्षकों को पटना जाने से रोका जा रहा है। अलग-अलग जिले में ही पुलिस द्वारा शिक्षक नेताओं को हाउस अरेस्ट कर लिया गया है। इसको लेकर कई जिलों से हंगामे की खबर मिली है। ट्वीटर पर वीडियो शेयर कर शिक्षक इसकी जानकारी दे रहे हैं।
पटना स्टेशन शिक्षकों से हाउसफुल
ट्रेनों से विभिन्न जिलों से शिक्षकों के पटना पहुंचने का सिलसिला जारी है। सुबह 9 बजे से ही पटना रेलवे स्टेशन शिक्षकों के हुजूम व नारों से गूंजता रहा है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए स्टेशन पर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गये हैं।
क्या नई शिक्षक नियमावली का हो सकता है रिव्यू ?
मॉनसून सत्र के बाद मुख्यमंत्री ने नई शिक्षक नियामावली को फिर से रिव्यू करने का संकेत दिए हैं। सोमवार को हुई बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बात का इशारा किया है। दरअसल युवाओं का एक बड़ा वर्ग सरकार की नयी नियुक्ति नियमावली से नाराज है। तर्क दिया जा रहा है कि सरकार की नई नीति से बिहार के स्थानीय युवाओं का हित प्रभावित होगा। बाहरी लोग राज्य की नौकरियों पर कब्जा कर लेंगे।