रांची : राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल रिम्स में मरीजों को बेहतर सुविधाएं मिलेगी। सीएम हेमंत सोरेन के निर्देश के बाद रिम्स प्रबंधन ने मरीजों के लिए सबसे पहले बेड़ बढ़ाने का निर्णय लिया है। जिसके तहत इमरजेंसी और न्यूरोसर्जरी वार्ड में बेड बढ़ाए जाएंगे। वहीं पेइंग वार्ड से लेकर कॉटेज में भी इमरजेंसी के मरीजों के लिए बेड रिजर्व रखे जाएंगे। इतना ही नहीं मरीजों की जांच की सुविधा भी पहले से बेहतर करने को लेकर प्रबंधन ने कदम उठाए है। जल्द ही इसका भी लाभ मरीजों को मिलने लगेगा। ये बातें गुरुवार को रिम्स डायरेक्टर ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कही। साथ ही कहा कि प्रबंधन की हर चीज पर नजर है। जल्द ही मरीजों को और भी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी।
165 बेड हो जाएंगे इमरजेंसी के
डायरेक्टर ने कहा कि इमरजेंसी और ट्रामा सेंटर मिलाकर 130 बेड फंक्शनल है। जहां पर मरीजों का इलाज चल रहा है। मरीजों के लोड को देखते हुए हमने बेड की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके अलावा मैनपावर और संसाधन बढ़ाने पर भी हमारा जोर है। ओंकोलॉजी ब्लाक में 98 बेड न्यूरो सर्जरी को दे दिए जाएंगे। इसे जीबी से पास कराने के लिए भेज दिया जाएगा। कॉटेज में 14 बेड इमरजेंसी के लिए रखे जाएंगे। 7 बेड पर आक्सीजन और जरुरी इक्विपमेंट्स होंगे। वहीं 7 बेड पर इमरजेंसी सुविधाएं होगी। 16 बेड पेइंग वार्ड में इमरजेंसी के लिए रिजर्व होंगे। इसकी सुविधा भी इमरजेंसी के मरीजों को निशुल्क मिलेगी। इसके अलावा पुरानी इमरजेंसी में लगे 35 बेड भी इमरजेंसी के लिए देने की तैयारी है। जिससे साफ है कि इमरजेंसी में मरीजों का इलाज प्रभावित नहीं होगा। वहीं न्यूरोलॉजी को दिए गए 20 बेड के साथ 6 और बेड को आईसीयू में अपग्रेड किया जाएगा। इसके बाद आईसीयू के मरीजों को भी राहत मिलेगी।
स्पेशल स्क्वायड करेगा निगरानी
मरीजों को ठगे जाने या फिर पैसे लेने की शिकायतें प्रबंधन को मिल रही है। इसपर सख्ती के लिए प्रबंधन ने एक स्क्वायड का गठन किया है। डिप्टी मेडिकल सुपरिंटेंडेंट के नेतृत्व में टीम काम करेगी। जिसमें होमगार्ड के बंदूकधारी जवान, बिना हथियार वाले होम गार्ड जवान और सैफ के जवान शामिल होंगे। ये लोग हर दिन रिम्स में राउंड लगाएंगे। साथ ही इस तरह की गतिविधि में शामिल लोगों की पहचान कर उन्हें पकड़ने का काम करेंगे। इससे गलत गतिविधियों पर लगाम लग सकेगी।
1100 कैमरे लगाए जाएंगे कैंपस में
हॉस्पिटल में व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कैंपस की तीसरी आंख से निगरानी की जाएगी। इसके लिए पूरे कैंपस में 1100 और कैमरे लगाए जाएंगे। इसके लिए प्रबंधन ने आर्डर कर दिया है। इससे हॉस्पिटल में हर गतिविधि पर नजर रखी जा सकेगी। वहीं गलत काम करने वालों पर कार्रवाई भी की जाएगी। बता दें कि पैसे लेकर बेड देने की शिकायतें भी प्रबंधन को मिली है। जिसकी जांच प्रबंधन ने कराई है।
51 करोड़ की मशीनों का आर्डर
मरीजों को बेहतर जांच सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रबंधन ने 51 करोड़ की मशीनों का आर्डर कर दिया है। जिसमें सीआर्म मशीन, एक्सरे मशीन, पोर्टेबल एक्सरे मशीन के अलावा रेडियोलॉजी की कई मशीनें है। एमआरआई की भी नई मशीन को लेकर प्रबंधन रेस है। जल्द ही इसकी भी सुविधा मरीजों को मिलने लगेगी।
सेंट्रल लैब की मिलेगी सुविधा
सेंट्रल लैब बनाने का काम बिल्डिंग में चल रहा है। जिसका काम फरवरी अंत तक पूरा हो जाएगा। 8 करोड़ रुपए का टेंडर किया जा चुका है। कुछ इक्विपमेंट आ चुके है। जबकि कुछ और इक्विपमेंट्स आने बाकी है। इसके बाद इलाज के लिए आने वाले मरीजों को सैंपल कलेक्शन के साथ ही रिपोर्ट भी एक ही जगह से मिलेगी। भविष्य में मरीजों की जांच रिपोर्ट मोबाइल और नेट पर मिल सकेगी। इसके लिए भी प्रबंधन ने तैयारी कर ली है। लेकिन इसके लिए मरीजों को थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा।