पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अचानक राज्य कैबिनेट की बैठक बुलाई है, जो आज शाम 5 बजे से मुख्य सचिवालय के कैबिनेट हॉल में शुरू होगी। इस बैठक को लेकर राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है और चर्चा शुरू हो गई है कि आज की बैठक में कोई बड़ा फैसला हो सकता है। यह बैठक विशेष रूप से इसलिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि इससे पहले 4 फरवरी को भी एक राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक हुई थी, जिसमें कुल 136 प्रस्तावों पर मुहर लगी थी।
136 प्रस्तावों की स्वीकृति: एक ऐतिहासिक बैठक
पिछली कैबिनेट बैठक में कुल 136 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई थी, जो कि एक रिकॉर्ड था। इनमें से 82 प्रस्ताव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ‘प्रगति यात्रा’ से जुड़े थे। इस बैठक में 13,000 करोड़ रुपये से अधिक की स्वीकृति भी दी गई थी, जो कि राज्य के विकास कार्यों के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा के तहत, यह योजना राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में विकास कार्यों को बढ़ावा देने के लिए तैयार की गई है। आज की बैठक में भी ऐसी ही महत्वपूर्ण घोषणाओं और योजनाओं पर मुहर लगने की उम्मीद है, जिनसे राज्य के विकास कार्यों को गति मिलेगी।
प्रगति यात्रा का अहम योगदान
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा अभी भी जारी है, और वह इसके तहत लगातार राज्य के विभिन्न हिस्सों में यात्रा कर रहे हैं। हाल ही में, मुख्यमंत्री ने गया का दौरा किया, जहां उन्होंने 14.37 अरब रुपये की योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। प्रगति यात्रा के तहत अब तक मुख्यमंत्री ने करीब 20,000 करोड़ रुपये की योजनाओं को स्वीकृति दी है, जो बिहार के विभिन्न विकास कार्यों के लिए अहम साबित हो सकती हैं।
अचानक बैठक बुलाई, क्या कोई बड़ा फैसला होने वाला है?
नीतीश कुमार ने कैबिनेट की बैठक आज ही बुलाई है, और यह निर्णय अचानक लिया गया है, जिससे राज्य की राजनीति में कई कयास लगाए जा रहे हैं। कई राजनीतिक जानकारों का मानना है कि आज की बैठक में कुछ बड़ा फैसला लिया जा सकता है, जो राज्य की भविष्यवाणी को प्रभावित करेगा। खासकर, मुख्यमंत्री ने लगातार यह बयान दिया है कि विधानसभा चुनाव से पहले 12 लाख नौकरियां देने का वादा किया है। साथ ही, 9 लाख से अधिक नौकरी देने का दावा भी किया गया है, जिसके तहत यह देखना है कि क्या कैबिनेट की बैठक में रोजगार और नौकरी से संबंधित कोई अहम फैसला लिया जाएगा।
नौकरी और रोजगार पर विशेष ध्यान
राज्य में नौकरी और रोजगार के मुद्दे पर नीतीश कुमार की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने विधानसभा चुनाव से पहले लाखों नौकरियों के अवसर देने का आश्वासन दिया है। ऐसे में यह बैठक विशेष रूप से अहम हो जाती है, क्योंकि इससे यह स्पष्ट हो सकता है कि राज्य सरकार इस दिशा में और क्या कदम उठाने वाली है। बिहार में बेरोजगारी की समस्या को लेकर पहले से ही कई सवाल उठते रहे हैं, और अब यह देखना है कि मुख्यमंत्री अपने चुनावी वादों को पूरा करने के लिए किस तरह की योजनाओं की घोषणा करते हैं।
क्या होगा भविष्य का रोडमैप?
यह बैठक बिहार की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है, क्योंकि इसमें राज्य के विकास, रोजगार, और अन्य अहम मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राजनीतिक रणनीतियों और उनके वादों के बाद, यह बैठक यह तय करेगी कि बिहार में किस दिशा में बदलाव आ सकता है। राज्य में चुनावी माहौल में कदम रखते हुए, यह बैठक राज्य की सरकार की आगामी योजनाओं और कार्यों की दिशा को तय कर सकती है। बिहार कैबिनेट की बैठक के बाद यह साफ होगा कि नीतीश कुमार सरकार आगामी विधानसभा चुनावों के लिए कितनी तैयार है और रोजगार, विकास और राजनीति के अन्य मुद्दों पर क्या कदम उठाएगी।
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