पटना: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सियासी गतिविधियां तेज होती जा रही हैं। इसी बीच एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसने पूरे राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है। दरअसल, लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की एक अचानक मुलाकात ने सबका ध्यान खींचा है।
नवादा जिले के पांडेय गंगौट गांव में मिले दोनों नेता
यह मुलाकात नवादा जिले के कौआकोल प्रखंड स्थित पांडेय गंगौट गांव में हुई, जहां दोनों नेता शहीद मनीष कुमार को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे। भले ही यह मुलाकात कुछ ही सेकंड की रही हो, लेकिन इसने बिहार की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है।
गले मिले, हाथ मिलाते हुए पूछा एक-दूसरे का हालचाल
जिस समय तेजस्वी यादव शहीद को श्रद्धांजलि देकर लौटने की तैयारी कर रहे थे, उसी दौरान केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान भी वहां पहुंचे। एक-दूसरे को देखकर दोनों नेता रुके, गले मिले, गर्मजोशी से हाथ मिलाया, और एक-दूसरे का हालचाल जाना। यह दृश्य वहां मौजूद लोगों के साथ-साथ मीडिया की सुर्खियों में भी आ गया।
इस मुलाकात से उठ रहे सवाल
बिहार की राजनीति में ये दोनों युवा चेहरे लंबे समय से एक-दूसरे पर बयानबाज़ी करते रहे हैं, लेकिन इस मुलाकात ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। सियासी गलियारों में चर्चा है कि क्या ये मुलाकात किसी संभावित राजनीतिक समीकरण का संकेत है? या फिर यह केवल एक शिष्टाचार भेंट थी?
कोई बयान नहीं, सिर्फ शहीद के परिवार की चिंता
गौरतलब है कि इस मुलाकात को लेकर चिराग पासवान और तेजस्वी यादव में से किसी ने भी कोई राजनीतिक बयान नहीं दिया। दोनों नेताओं ने केवल शहीद मनीष कुमार के परिवार के प्रति संवेदना जताई और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
चुनाव से पहले लगाए जा रहे सियासी कयास
भले ही यह मुलाकात केवल श्रद्धांजलि देने के दौरान हुई हो, लेकिन जिस तरह से दोनों नेताओं ने एक-दूसरे से मिलकर आत्मीयता दिखाई, उसने बिहार में चुनावी समीकरणों को लेकर चर्चाओं को तेज कर दिया है। अब देखना यह होगा कि क्या आने वाले दिनों में यह मुलाकात कोई नया सियासी मोड़ लेकर आती है या फिर यह सिर्फ एक संयोग बनकर रह जाएगी।