फिल्म | बिन्नी एंड फैमिली |
स्टारकास्ट | अंजिनी धवन, नमन त्रिपाठी, पंकज कपूर, राजेश कुमार, हिमानी शिवपुरी और चारू शंकर |
डायरेक्टर | संजय त्रिपाठी |
कहां देखें | थिएटर |
रेटिंग | 2 स्टार |
कहानी: नाम के मुताबिक ही ये बिन्नी और उसके परिवार की कहानी है। बिन्नी यानी अंजिनी धवन, जो एक टीनएज गर्ल है। लंदन में माता- पिता (चारू शंकर और राजेश कुमार) के साथ रहती हैं. बिन्नी के दादा-दादी (पंकज कपूर और हिमानी शिवपुरी) हैं. जो हर साल दो महीने के लिए, बिहार से लंदन आते हैं। कुल मिलाकर ये फिल्म तीन पीढ़ियों को एक साथ दिखाती है। यानी तीनों कैसे सोचती हैं, तीनों की सोच में कितना अंतर है, तीनों की समस्याएं कितनी अलग हैं और कैसे अगर ये तीनों पीढ़ियां एक दूसरे के साथ समझकर, बात करके चलें तो सभी खुश रह सकते हैं।
एक्टिंग और डायरेक्शन : फिल्म की लीड एक्ट्रेस अंजिनी धवन हैं, जिन्हें एक्टिंग सीखने की काफी जरूरत है। फिल्म के अधिकतर हिस्सों में वो अवनीत कौर जैसी दिखती हैं और एक दम सपाट एक्सप्रेशन्स देती हैं। वहीं अंजिनी के अलावा सभी की एक्टिंग अच्छी है। नमन त्रिपाठी अपने कैरेक्टर में जमते हैं। पंकज कपूर और हिमानी शिवपुरी इमोशनल कर देते हैं और बांधे रखने का काम करते हैं। इसके अलावा राजेश कुमार और चारू शंकर भी कैरेक्टर के हिसाब से बेहतर दिखते हैं। सभी की एक्टिंग में स्कोप की गुंजाइश दिखती है, क्योंकि इनका इससे बेहतर काम हम पहले देख चुके हैं लेकिन फिर ऐसा लगता है कि कहानी और संजय त्रिपाठी के डायरेक्शन के आगे सब बेबस से दिखे।
क्या कुछ है खास और कहां खाई मात : फिल्म तकनीकि तौर पर काफी सुस्त है। फिल्म के कैमरा शॉट्स काफी एवरेज हैं। एडिटिंग भी जंप कट से भरी हुई है। फिल्म के कुछ सीन्स यूं ही बस देखने को मिलते हैं। जो बिलकुल सेंस नहीं देते हैं। बैकग्राउंड स्कोर फीका है और म्यूजिक की बात करें एक भी गाना जुबां पर नहीं चढ़ता है लेकिन अगर बतौर क्रिटिक इस फिल्म को न देखें तो ये फिल्म थोड़ा सा इमोशनल कर जाती है।
देखें या नहीं: इस फिल्म के लिए आपको थिएटर में पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं है। बल्कि आप इसे पूरे परिवार के साथ ओटीटी पर देख सकते हैं. फिल्म बतौर दर्शक ठीक फील देती है लेकिन बतौर क्रिटिक्स इसमें बहुत खामियां हैं।
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