धनबाद : झरिया विधानसभा क्षेत्र में चुनावी माहौल के चलते तनाव बढ़ता जा रहा है। इसी कड़ी में गुरुवार रात चुनावी चर्चा के दौरान भाजपा और कांग्रेस समर्थकों के बीच हुई बहस ने हिंसक रूप ले लिया। इस झड़प में दोनों पक्षों के एक-एक समर्थक घायल हो गए। एक युवक पर चाकू से हमला हुआ, जिससे वह गंभीर रूप से घायल है और उसका इलाज झरिया के एक निजी नर्सिंग होम में चल रहा है, वहीं दूसरे युवक के सिर पर चोटें आईं हैं और उसे धनबाद के एसएनएमएमसीएच में भर्ती किया गया है।
राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता से बढ़ा तनाव
झरिया में भाजपा की ओर से सिंह मेंशन का प्रतिनिधित्व कर रही रागिनी सिंह और कांग्रेस की ओर से रघुकुल का प्रतिनिधित्व कर रहीं पूर्णिमा नीरज सिंह आमने-सामने हैं। इस कड़ी प्रतिद्वंद्विता ने इलाके का चुनावी पारा बढ़ा दिया है। गुरुवार देर रात झरिया के गोल बिल्डिंग के पास कुछ लोग दोनों प्रत्याशियों की जीत-हार की संभावनाओं पर चर्चा कर रहे थे, तभी बहस का माहौल गरमा गया और मामला मारपीट तक पहुंच गया।
घटनास्थल पर क्या हुआ?
घटना में भाजपा समर्थक विशाल अग्रवाल और कांग्रेस समर्थक सुमित खेतान के बीच झड़प हुई। घायल विशाल अग्रवाल का कहना है कि वह अपने दोस्तों के साथ बैठा था तभी सुमित खेतान वहां आया और रघुकुल का नाम लेकर धमकाने लगा, फिर मारपीट करते हुए सीने में चाकू से वार कर दिया। दूसरी ओर, सुमित खेतान ने बताया कि वह विकास अग्रवाल और उसके दोस्तों के पास गया, लेकिन वे शराब के नशे में सिंह मेंशन-रघुकुल का नाम लेकर विवाद करने लगे। उसने आरोप लगाया कि बहस के दौरान उसे शराब की बोतल से सिर पर मारा गया। दोनों पक्षों ने झरिया थाने में एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
भाजपा प्रत्याशी रागिनी सिंह ने घायल समर्थक से की मुलाकात
घटना की सूचना पाकर भाजपा प्रत्याशी रागिनी सिंह नर्सिंग होम पहुंचीं और घायल समर्थक विशाल अग्रवाल का हाल-चाल जाना। रागिनी सिंह ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि “झरिया में कुछ लोग भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी का नाम लेते ही हिंसा पर उतर आते हैं। यहां मेरे कार्यकर्ता भी नहीं, सिर्फ समर्थक थे, जो प्रधानमंत्री मोदी के कार्यों पर चर्चा कर रहे थे, और इस वजह से उन पर हमला हुआ।” उन्होंने कहा कि वह मामले की शिकायत थाने में दर्ज करवाकर, एसएसपी से उचित कार्रवाई की मांग करेंगी।
चुनाव के दौरान बढ़ती हिंसा चिंताजनक
इस घटना ने झरिया विधानसभा क्षेत्र में चुनावी रंजिश और राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण बढ़ते तनाव को उजागर किया है। चुनावी माहौल के चलते क्षेत्र में छोटी-छोटी बातों पर हिंसक झड़पें हो रही हैं, जो पुलिस प्रशासन के लिए भी चुनौती बन रही हैं। अब देखना यह है कि चुनावी माहौल में शांति बनाए रखने के लिए प्रशासन किस तरह की कदम उठाएगा।
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