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भाजपा के मेनिफेस्टो को कांग्रेस ने बताया छलावा, राहुल गांधी बोले-इसमें बेरोजगारी व महंगाई गायब

by Rakesh Pandey
BJP Manifesto
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नई दिल्ली : BJP Manifesto: लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने घोषणा पत्र जारी कर दिया है। मोदी सरकार ने इस घोषणा पत्र में लोगों से कई वादे किए हैं। भाजपा के घोषणा पत्र में राहुल गांधी ने तंज कसा है। राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा के मेनिफेस्टो और नरेंद्र मोदी के भाषण से दो शब्द गायब हैं-महंगाई और बेरोजगारी।

पवन खेड़ा ने भाजपा के घोषणापत्र को बताया माफीनामा

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि 2014 के अपने घोषणापत्र में नरेंद्र मोदी ने एक विशेष कार्यबल बनाकर काला धन वापस लाने का वादा किया था, लेकिन इसके बजाय आए चुनावी बॉण्ड। खेड़ा ने कहा, हमें भाजपा के ‘संकल्प पत्र’ के नाम पर सख्त आपत्ति है, इसका नाम ‘माफीनामा’ रखा जाना चाहिए था। मोदी को देश के दलितों, किसानों, युवाओं और आदिवासियों से माफी मांगनी चाहिए।

भाजपा के संकल्प पत्र पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, इससे पहले देश में किसी भी सरकार को गोलपोस्ट बदलने की ‘बीमारी’ नहीं हुई थी। भाजपा 2014 में जो कहा था, 2019 में आपने उस पर कोई हिसाब नहीं दिया और 2019 में नए ‘जुमले’, नए गोलपोस्ट के साथ रख दिए। आप 2024 की बात करते हुए 2047 में पहुंच गए। भाजपा ने घोषणापत्र में लिखा है कि वे 2036 ओलंपिक की मेजबानी करेंगे, आप कहां होंगे, क्या आप सरकार में होंगे? आपको 5 साल का हिसाब देना चाहिए।

वे बड़ी सफाई से झूठ बोलते हैं, लेकिन इतनी बार झूठ बोल चुके हैं कि कोई उन पर भरोसा नहीं करता है। पीएम मोदी एक इंटरव्यू में कहा था कि मैं अपने बाल सफेद करता हूं, ‘हुजूर आप सिर्फ बाल सफेद नहीं करते हैं, आप झूठ भी बड़े सफेदपोश ढंग से पेश करते हैं।

तेजस्वी यादव ने भी किया अटैक (BJP Manifesto)

राजद नेता और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भी घोषणा पत्र पर सवाल उठाए हैं। तेजस्वी ने कहा कि भाजपा के घोषणा पत्र में कहीं भी नौकरी और रोजगार का जिक्र नहीं है। ना ही महंगाई, बेरोजगारी और गरीबी को हटाने अथवा कम करने का जिक्र है। भाजपा के घोषणाप पत्र में देश के 60 फीसदी युवाओं, 80% किसानों और देश के लगभग 6 लाख 4p हजार से अधिक गांवों के लिए कुछ भी नहीं है। पिछड़े और गरीब राज्यों के विकास एवं उत्थान के लिए भी इसमें कुछ नहीं है।

जिन राज्यों से लोकसभा के सबसे अधिक सांसद आते हैं, उन राज्यों के विकास के लिए कुछ भी नहीं है। ये अपने मैनिफेस्टो में नौकरी, रोजगार, युवा, किसान, जवान और गांव को पूर्णत: भूल गए हैं।

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