देवघर : झारखंड के संथाल परगना क्षेत्र के लिए एक बड़ी स्वास्थ्य सुविधा की शुरुआत होने जा रही है। देवघर सदर अस्पताल में जल्द ही ब्लड सेपरेटर यूनिट की स्थापना की जाएगी। इस नई सुविधा से अब मरीजों को रांची या अन्य बड़े शहरों में रेफर होने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इससे न सिर्फ समय की बचत होगी, बल्कि मरीजों को उन्नत चिकित्सा सेवाएं स्थानीय स्तर पर ही प्राप्त हो सकेंगी।
ब्लड सेपरेटर यूनिट से क्या होगा लाभ?
ब्लड सेपरेटर यूनिट एक अत्याधुनिक तकनीक है जिसके माध्यम से एक यूनिट रक्त से अलग-अलग कंपोनेंट्स जैसे- प्लाज्मा (Plasma), लाल रक्त कण (RBC), सफेद रक्त कण (WBC), प्लेटलेट्स (Platelets) को अलग किया जा सकता है। इस प्रक्रिया से रक्त का संपूर्ण और प्रभावी उपयोग संभव हो सकेगा तथा ब्लड वेस्टेज को भी रोका जा सकेगा।
संथाल परगना के मरीजों को मिलेगा फायदा
देवघर जिले के सिविल सर्जन डॉ. युगल किशोर चौधरी ने जानकारी दी कि यह यूनिट लगने के बाद संथाल परगना के मरीजों को रांची या अन्य महानगरों की ओर रुख नहीं करना पड़ेगा। डेंगू, मलेरिया, कालाजार जैसी वेक्टर बोर्न बीमारियों के बढ़ते मामलों के बीच यह सुविधा बेहद महत्वपूर्ण साबित होगी।
नई इमारत में होगी यूनिट की स्थापना
वर्तमान में ब्लड सेपरेटर यूनिट को स्थापित करने के लिए रेड क्रॉस सोसाइटी की इमारत को चिह्नित किया गया है। इस भवन को खाली करवाने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है और इसके लिए देवघर उपायुक्त को आवेदन सौंपा गया है। जैसे ही भवन खाली होता है, ब्लड सेपरेटर यूनिट लगाने का कार्य आरंभ कर दिया जाएगा।
राज्य सरकार का स्वास्थ्य सेवा पर फोकस
झारखंड और केंद्र सरकार द्वारा देवघर में एम्स की स्थापना और अब सदर अस्पताल में ब्लड सेपरेटर यूनिट जैसी तकनीकों को शामिल किया जाना, इस बात का संकेत है कि सरकार संथाल परगना की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने को लेकर प्रतिबद्ध है। इससे क्षेत्रीय स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूती मिलेगी और लोगों को समय पर इलाज मिल सकेगा।
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