Ranchi (Jharkhand) : झारखंड के बोकारो जिले में तेतुलिया मौजा वन भूमि की अवैध खरीद-बिक्री से जुड़े बड़े घोटाले में आरोपित राजवीर कंस्ट्रक्शन के मालिक पुनीत अग्रवाल (Punit Agarwal) की जमानत याचिका पर अब 6 अगस्त को सुनवाई होगी। इस मामले की सुनवाई शनिवार को आपराधिक जांच विभाग (CID) की विशेष अदालत में हुई, जिसके बाद अदालत ने अगली तारीख तय की है।
सीआईडी ने पेश की केस डायरी, ED भी कर रही जांच
सीआईडी की विशेष अदालत में आज पुनीत अग्रवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सीआईडी की ओर से केस डायरी पेश की गई, जिसके बाद अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 6 अगस्त की तारीख निर्धारित की है। इसी मामले के दो अन्य आरोपितों वीर अग्रवाल (Veer Agarwal) और विमल अग्रवाल (Vimal Agarwal) की अग्रिम जमानत याचिका पर भी अब 6 अगस्त को ही सुनवाई होगी। यह मामला 100 एकड़ से अधिक वन भूमि की अवैध खरीद-बिक्री से जुड़ा है, जिसमें करोड़ों रुपये का लेन-देन हुआ है।
क्या है पूरा मामला?
पुनीत अग्रवाल, वीर अग्रवाल और विमल अग्रवाल पर आरोप है कि उन्होंने राजवीर कंस्ट्रक्शन कंपनी के माध्यम से उमायुष कंपनी को तेतुलिया मौजा की वन भूमि के लिए तीन करोड़ चालीस लाख रुपये का भुगतान किया था। आरोप के अनुसार, बोकारो के तेतुलिया में 100 एकड़ से ज्यादा वन भूमि को फर्जी दस्तावेज बनाकर बेच दिया गया। इस पूरे घोटाले में भू-माफिया, अंचल कर्मियों और बोकारो स्टील प्लांट (BSP) के अधिकारियों की मिलीभगत की बात भी सामने आई है। यह वही जमीन है, जिसे बोकारो स्टील प्लांट ने वन विभाग को वापस लौटाया था।
इस गंभीर मामले की जांच सीआईडी और प्रवर्तन निदेशालय (ED) दोनों एजेंसियां कर रही हैं। सीआईडी ने बोकारो के सेक्टर 12 थाना में दर्ज कांड संख्या 32/2024 को अपने हाथ में ले लिया है और जांच जारी है।