Chaibasa (Jharkhand) : पश्चिमी सिंहभूम जिले के झारखंड शिक्षा परियोजना (Jharkhand Education Project) में भ्रष्टाचार का एक और गंभीर मामला प्रकाश में आया है। इस बार सोनुवा प्रखंड के लेखापाल रोमा चक्रवर्ती पर विद्यालयों के इको क्लब (Schools Eco Club) और पीटीएम (Parents-Teacher Meeting) मद में राशि में 6 लाख 24 हजार रुपये की अवैध निकासी का सनसनीखेज आरोप लगा है। इस मामले को लेकर शिकायतकर्ताओं ने जिले के उपायुक्त, राज्य के मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री और राज्यपाल के प्रधान सचिव तक लिखित शिकायत दर्ज कराई है।
पसंदीदा वेंडर के बिल पर जबरन हस्ताक्षर का आरोप
शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि लेखापाल रोमा चक्रवर्ती ने विद्यालयों के इको क्लब और पीटीएम मद की राशि को गलत तरीके से निकाला है। उन्होंने दावा किया है कि शिक्षकों द्वारा दिए गए वेंडरों के बिलों को अमान्य बताकर, लेखापाल ने अपने पसंदीदा वेंडरों के बिलों पर शिक्षकों से जबरन हस्ताक्षर करवाए। इसके बाद, उन्होंने पीएफएमएस (सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली) पोर्टल पर खुद ही इन बिलों को अपलोड करके राशि की निकासी कर ली।
पीएफएमएस पोर्टल से लॉगिन और आईपी एड्रेस की जांच संभव
शिकायत में कहा गया है कि इस अवैध निकासी की सच्चाई पीएफएमएस पोर्टल (PFMS Portal) पर किए गए लॉगिन और आईपी एड्रेस (IP Address) की जांच से आसानी से सामने आ सकती है। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि जब शिक्षकों ने अपने स्कूलों के इको क्लब और पीटीएम की राशि की मांग की, तो उन्हें यह कहकर टाल दिया गया कि राशि लैप्स (समाप्त) हो चुकी है।
अनुदान राशि में भी अनियमितता का आरोप
इतना ही नहीं, विद्यालयों को मिलने वाली अनुदान राशि में भी भारी अनियमितता बरतने का आरोप लेखापाल पर लगा है। शिकायत के अनुसार, लेखापाल रोमा चक्रवर्ती ने प्रत्येक विद्यालय को 25 हजार रुपये तक की राशि का भुगतान मनमाने ढंग से किया है।
पहले भी हो चुकी है शिकायत
बताया जाता है कि कि लेखापाल रोमा चक्रवर्ती के खिलाफ पहले भी कई बार वित्तीय गड़बड़ियों को लेकर शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं। हालांकि, आश्चर्यजनक रूप से, उनके खिलाफ अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। इस बार भी चर्चा है कि कहीं इस मामले की भी लीपा-पोती न हो जाए। सूत्रों की मानें तो लेखापाल रोमा चक्रवर्ती की शिक्षा विभाग में अच्छी पैठ है, जिसके कारण उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती। अब देखना यह है कि इस बार उच्च स्तर पर शिकायत के बाद क्या कार्रवाई होती है।