Chaibasa (Jharkhand) : तीन दशक से चला आ रहा एक भूमि विवाद आखिरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद समाप्त हो गया। गुरुवार को चाईबासा के सेन टोला स्थित होल्डिंग नंबर 181 की 0.2 एकड़ जमीन पर कैसर निसात और उनके रिश्तेदारों को विधिवत कब्जा दिलाया गया, जिससे उन्हें 28 साल बाद न्याय मिल सका।
निचली अदालत के निर्देश को सुप्रीम कोर्ट ने रखा बरकरार
इस मामले की शुरुआत 1997 में हुई थी, जब वादी कैसर निसात ने अपनी जमीन पर कब्जा दिलाने के लिए निचली अदालत में याचिका दायर की थी। मामला वर्षों तक कानूनी दांव-पेंच में उलझा रहा। प्रतिवादी पक्ष ने निचली अदालत के आदेश के खिलाफ 2017 में सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर दी। हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा और स्पष्ट निर्देश दिया कि विवादित भूमि पर वादी को तुरंत दखल दिलाया जाए।
प्रशासनिक टीम की मौजूदगी में मिला कब्जा
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सह सिविल जज अक्षत श्रीवास्तव ने एक प्रशासनिक टीम की मौजूदगी में कैसर निसात और उनके परिवार को जमीन पर कब्जा दिलाया। इस कार्रवाई से लंबे समय से चले आ रहे इस मामले का सुखद अंत हुआ।
स्थानीय लोगों ने किया आदेश का स्वागत
स्थानीय लोगों ने भी सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का स्वागत किया और न्यायपालिका के प्रति अपना विश्वास जताया। इसके साथ ही लोगों ने एक बार फिर विश्वास जताते हुए कहा है कि न्याय मिलने में भले ही समय लगे, लेकिन न्यायपालिका के माध्यम से एक दिन न्याया जरूर मिलता है।