फीचर डेस्क : नवरात्रि या नवरात्र के नौ दिनों में देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इन नौ दिनों में हर दिन एक विशेष स्वरूप की उपासना की जाती है और अष्टमी तिथि का विशेष महत्व होता है, क्योंकि इस दिन मां महागौरी की पूजा का विधान है। देवी महागौरी की उपासना से भक्तों के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है। तो आइए जानते हैं इस विशेष दिन पर मां महागौरी की पूजा विधि, उनके प्रिय भोग और पूजा के दौरान कौन से मंत्रों का जाप किया जाता है।
मां महागौरी का स्वरूप
पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी महागौरी का रूप अत्यंत शांत, कोमल और तेजस्वी होता है। उनका रंग गौरवर्ण (सफेद) है और वह श्वेत वस्त्र धारण करती हैं। देवी महागौरी की चार भुजाएं हैं, जिनमें से एक हाथ में त्रिशूल, दूसरे हाथ में डमरू, तीसरे हाथ में अभय मुद्रा और चौथे हाथ में वरमुद्रा होती है। उनका रूप परम पवित्र और दिव्य है। मां महागौरी को अन्नपूर्णा का वरदान देने वाली देवी भी माना जाता है। वह अपने भक्तों के जीवन से दुखों को दूर करती हैं और उन्हें सुख, समृद्धि और शांति प्रदान करती हैं।
मां महागौरी को अर्पित करें ये भोग
अष्टमी तिथि के दिन मां महागौरी को विशेष प्रकार के भोग अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है। नारियल से बनी मिठाई, काले चने और सूजी का हलवा मां महागौरी के प्रिय भोग में शामिल हैं। इन भोगों-प्रसादों का महत्व धार्मिक दृष्टिकोण से भी बहुत अधिक है, क्योंकि इनका सेवन भक्तों को समृद्धि और आशीर्वाद का अनुभव कराता है।
मां महागौरी की पूजा विधि
अष्टमी के दिन मां महागौरी की पूजा विधि को सही तरीके से करने से देवी की कृपा प्राप्त होती है। तो आइए जानें, मां महागौरी की पूजा करने की सही विधि:
स्नान और शुद्धता : पूजा से पहले प्रातः उठकर स्नान करें और स्वच्छ सफेद वस्त्र पहनें। सफेद वस्त्र देवी महागौरी को अर्पित करने के लिए शुभ माने जाते हैं, क्योंकि उनका रंग भी सफेद है।
मां महागौरी की प्रतिमा की शुद्धि : देवी महागौरी की प्रतिमा या चित्र को गंगाजल से शुद्ध करें और उन्हें सफेद वस्त्र पहनाएं। इससे पूजा की शुरुआत शुभ होती है।
फूल अर्पित करें : मां महागौरी को सफेद रंग के फूल अर्पित करें। सफेद रंग के फूल उनके पवित्र रूप का प्रतीक माने जाते हैं।
तिलक और मंत्रों का जाप : मां महागौरी को कुमकुम या रोली से तिलक करें और फिर उनका ध्यान करते हुए मंत्रों का जाप करें। यह मानसिक शांति और समृद्धि की प्राप्ति का माध्यम होता है।
भोग अर्पित करें : पूजा के बाद मां महागौरी को नारियल की मिठाई, हलवा और काले चने का भोग अर्पित करें। मान्यता है कि ये भोग मां के प्रिय होते हैं और इनसे आशीर्वाद प्राप्त होता है।
आरती और प्रार्थना : अंत में देवी की आरती करें और उनसे अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करें। साथ ही उनके आशीर्वाद से जीवन में खुशहाली और शांति की प्रार्थना करें।
मां महागौरी के शुभ रंग
मां महागौरी को सफेद रंग अत्यधिक प्रिय है। हालांकि, पूजा के दौरान विशेष रूप से गुलाबी रंग के वस्त्र पहनने से पूजा का फल और अधिक उत्तम माना जाता है। गुलाबी रंग को शुभ माना जाता है और यह मन को शांति और सुकून देने वाला होता है, जो देवी महागौरी की उपासना में विशेष रूप से लाभकारी सिद्ध होता है।
मां महागौरी की पूजा का महत्व नवरात्रि की अष्टमी के दिन अत्यधिक है। इस दिन देवी महागौरी की उपासना से न केवल शारीरिक और मानसिक शांति मिलती है, बल्कि जीवन में सुख-समृद्धि का वास भी होता है। विशेष रूप से इस दिन मां महागौरी को सफेद वस्त्र पहनाकर, सफेद फूल अर्पित करके, उनके प्रिय भोग अर्पित करना चाहिए। इसके साथ-साथ मंत्रों का जाप और आरती भी आवश्यक है। इन विधियों को सही तरीके से करने पर मां महागौरी की कृपा सदा बनी रहती है।
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