Chakradharpur (Jharkhand): बारिश के मौसम में गरीब और जरूरतमंदों को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से सुमीता होता फाउंडेशन ने एक सराहनीय पहल की है। फाउंडेशन ने पश्चिमी सिंहभूम जिले के बंदगांव प्रखंड की टेबो पंचायत के घने जंगलों में बसे कांडयोंग गांव के 25 बिरहोर परिवारों को प्लास्टिक की तिरपालें वितरित की हैं।
लकड़ी और पत्तों के घरों में रहती है बिरहोर समुदाय
कांडयोंग गांव में रहने वाले सभी 25 बिरहोर परिवार लकड़ी और पत्तों से बनी झोपड़ियों में अपना जीवन यापन करते हैं। बारिश के मौसम में इन परिवारों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। झोपड़ियों की छतें पत्तों से बनी होने के कारण बारिश का पानी आसानी से घरों के अंदर टपकता है, जिससे उनका जीवन कष्टमय हो जाता है।
तिरपाल वितरण से मिली बारिश में राहत
इन परिवारों की परेशानी को देखते हुए सुमीता होता फाउंडेशन के अध्यक्ष सदानंद होता और अन्य सदस्यों ने यह निर्णय लिया कि फाउंडेशन की ओर से बिरहोर परिवारों को प्लास्टिक की तिरपालें प्रदान की जाएंगी। इसी क्रम में शुक्रवार को फाउंडेशन के अध्यक्ष सदानंद होता, सक्रिय सदस्य दिनेश जेना और वेद प्रकाश दास गांव पहुंचे और उन्होंने घर-घर जाकर बिरहोर परिवारों को प्लास्टिक की तिरपालें वितरित कीं। इतना ही नहीं, फाउंडेशन के सदस्यों ने ग्रामीणों के घरों में तिरपालें लगाने में भी उनकी मदद की, ताकि उन्हें तुरंत बारिश से राहत मिल सके।
बिरहोर समुदाय को संरक्षण देना कर्तव्य: सदानंद होता
तिरपाल वितरण के दौरान फाउंडेशन के अध्यक्ष सदानंद होता ने कहा कि बारिश से बचाव के लिए गांव में प्लास्टिक की तिरपालों का वितरण किया गया है। उन्होंने कहा कि बिरहोर परिवार समाज में बहुत कम संख्या में रह गए हैं और उन सभी को आगे बढ़ाना और संरक्षित करना हम सभी का कर्तव्य है। वहीं, फाउंडेशन के सक्रिय सदस्य दिनेश जेना ने कहा कि बिरहोर परिवार भी हमारी तरह ही हैं और उनका सम्मान करना तथा उन्हें समाज में आगे बढ़ाने में सभी का सहयोग आवश्यक है।
लाभार्थियों ने जताया आभार
तिरपाल पाने वाले ग्रामीणों में दुर्गा बिरहोर, गुरूवा बिरहोर, मंगल सिंह बिरहोर, नयन सिंह बिरहोर, जग मोहन बिरहोर, करम सिंह बिरहोर, गुमीर सिंह बिरहोर, सोमाय बिरहोर, सोमल बिरहोर, बबलू बिरहोर, सुकरा बिरहोर, विनोद बिरहोर, दीप दयाल बिरहोर, सोमाय बिरहोर, एतवा बिरहोर, एतवारी बिरहोर, रायमुनी बिरहोर, पानी बिरहोर आदि शामिल थे। सभी ने सुमीता होता फाउंडेशन के इस प्रयास की सराहना की और उन्हें धन्यवाद दिया। इस अवसर पर गांव के अन्य लोग भी मौजूद रहे।

 
														
