Jamshedpur : भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष संजीव पुरी ने उम्मीद जताई है कि चालू वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की अर्थव्यवस्था 6.5 प्रतिशत की दर से वृद्धि दर्ज कर सकती है। उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक बुनियाद मजबूत है और यह भू-राजनीतिक संकटों के अस्थायी प्रभावों को झेलने में सक्षम है।
एक विशेष साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि भारत को बढ़ती वैश्विक व्यापार बाधाओं के बीच अपने प्रमुख व्यापारिक साझेदारों के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते करने चाहिए, जो राष्ट्रीय हित में हों और परस्पर लाभकारी भी साबित हों।
पुरी ने बताया कि ऊर्जा, परिवहन, धातु, रसायन और आतिथ्य जैसे क्षेत्रों में निजी निवेश बढ़ रहा है, हालांकि मौजूदा अंतरराष्ट्रीय अस्थिरता के कारण निवेशकों में कुछ हद तक सतर्कता देखी जा रही है।
उन्होंने कहा, “हम 6.5 प्रतिशत की विकास दर की उम्मीद कर रहे हैं और हमें विश्वास है कि यह लक्ष्य मौलिक रूप से प्राप्त किया जा सकता है, क्योंकि देश की आर्थिक नींव मजबूत है।”
पुरी ने हाल के आर्थिक संकेतकों की ओर इशारा करते हुए बताया कि ब्याज दरों में नरमी आई है, मुद्रास्फीति नियंत्रण में है, और एक अप्रैल से व्यक्तिगत आयकर में छूट का लाभ भी मिल रहा है। साथ ही, सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में निवेश में वृद्धि देखी गई है।
उन्होंने वैश्विक स्तर पर संरक्षणवाद के बढ़ते रुझान, खासकर अमेरिका और यूरोपीय देशों के संदर्भ में, चिंता जताई और कहा कि भारत को ऐसे समय में द्विपक्षीय व्यापार समझौतों पर जोर देना चाहिए।
साथ ही, पुरी ने देश की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने के लिए कुछ खास क्षेत्रों के लिए त्रि-स्तरीय शुल्क संरचना लागू करने की सिफारिश भी की।
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