Ranchi: कोयला मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत सार्वजनिक उपक्रम Coal India Limited (CIL) ने अपनी फ्यूल सप्लाई पॉलिसी (FSA) में बड़ा बदलाव किया है। जिसके तहत अब लिंक कोयले (Linkage Coal) से बिजली बनाने वाले पावर जनरेटर्स को इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (IEX) जैसे शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर बिजली बेचने की अनुमति मिल गई है।
रेगुलेटेड सप्लाई से ओपन मार्केट ट्रेडिंग की ओर बड़ा कदम
अब तक कोयला लिंक प्राप्त करने वाले बिजली उत्पादक सिर्फ दीर्घकालिक विद्युत खरीद समझौते (PPA) के तहत निर्धारित दरों पर बिजली वितरित करते थे। उन्हें ओपन मार्केट में बिजली बेचने की अनुमति नहीं थी। अब इस प्रतिबंध के हटाए जाने के बाद से कंपनियों को बची हुई बिजली को खुले बाजार में बेचने की फ्लेक्सिबिलिटी मिल जाएगी।
सरकारी सूत्रों के अनुसार इस बदलाव से कोयला संसाधनों का अधिक फ्लेक्सिबल उपयोग संभव होगा और पावर प्लांट्स को संचालन में ज्यादा स्वतंत्रता मिलेगी। यह बदलाव सरकार की ऊर्जा क्षेत्र को प्रतिस्पर्धी और गतिशील बनाने की दिशा की ओर एक कदम माना जा रहा है।
कोयला लिंक की मांग में आई गिरावट को बढ़ावा देने की रणनीति
यह फैसला ऐसे समय में आया है जब देश भर में बिजली की मांग बढ़ने के बावजूद कई थर्मल पावर प्लांट अपनी जरूरत के लिए पहले से भंडारित कोयले का इस्तेमाल कर रहे हैं और Coal India से नया कोयला नहीं खरीद रहे हैं।
ऐसे में CIL की यह नई नीति लॉन्ग टर्म कोल सप्लाई अग्रीमेंट्स को फिर से संचालित करने में मददगार हो सकती है और कोयला उठाव (Offtake) को स्थिर रखने में मददगार साबित हो सकती है। इसके अलावा, यह नीति बिजली उत्पादकों को भी लाभ देगी क्योंकि वे ओपन मार्केट में बेहतर मूल्य पर बिजली बेचकर अपनी आय में इजाफा कर सकते हैं।