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Bihar News : CM नीतीश कुमार की सुरक्षा में चूक, नालंदा में काफिले को जाम ने रोका, प्रशासन में हड़कंप

by Rakesh Pandey
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नालंदा : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एक बड़ी चूक का मामला सामने आया है। नालंदा दौरे पर आए सीएम का काफिला सरमेरा-बिहटा पथ पर भारी सड़क जाम में फंस गया, जिससे उनकी सुरक्षा को लेकर गंभीर प्रश्न खड़े हो गए हैं।

सीएम का काफिला फंसा यातायात अवरोध में

मुख्यमंत्री निरीक्षण के लिए करौटा-तेलमर-सालेहपुर-राजगीर रोड पहुंचे थे और लौटते समय उनका काफिला अचानक सरमेरा-बिहटा पथ की ओर मुड़ गया। इस असामान्य मार्ग परिवर्तन के कारण रास्ते में भारी जाम लग गया। यातायात की व्यवस्था अचानक बाधित हो गई और पूरे काफिले को सड़क पर रुकना पड़ा।

प्रशासन ने हटाया जाम, सीएम को निकाला गया बाहर

जैसे ही मामला उच्च अधिकारियों तक पहुंचा, जिला प्रशासन हरकत में आया और मौके पर तुरंत जाम हटाने की कार्रवाई की गई। सुरक्षा बलों और सीएम के बॉडीगार्ड्स ने मुख्यमंत्री के वाहन को चारों ओर से घेर कर सुरक्षित बाहर निकाला। घटना के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया।

वैकल्पिक मार्ग का निरीक्षण कर रहे थे सीएम

सीएम नीतीश कुमार राजगीर जाने वाले वैकल्पिक मार्ग का निरीक्षण करने पहुंचे थे। यह मार्ग एसएच 78 (बिहटा-सरमेरा रोड) से शुरू होकर सालेपुर, नरसंडा, तेलमर, करौटा होते हुए एनएच-30 (पटना-मोकामा) के जगदंबा स्थान मोड़ पर समाप्त होता है। इस मार्ग के फोरलेन चौड़ीकरण की योजना है, जिससे राजगीर तक यात्रा में समय की बचत और यातायात में सहूलियत होगी।

निरीक्षण के दौरान मौजूद रहे वरीय अधिकारी

निरीक्षण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, पटना के डीएम डॉ. चन्द्रशेखर सिंह, नालंदा के डीएम शशांक शुभंकर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। सीएम ने सालेपुर मोड़, चौहान मोड़, बेलदारीपर और नूरसराय सहित कई स्थलों का भौतिक निरीक्षण किया।

क्या कहता है सीएम सुरक्षा प्रोटोकॉल

मुख्यमंत्री के कार्यक्रम वाले जिले में पूर्व निर्धारित सुरक्षा व्यवस्था लागू होती है। जिस मार्ग से सीएम गुजरते हैं, वहां ट्रैफिक को पूरी तरह से रोका जाता है और दूसरे वाहनों का प्रवेश वर्जित रहता है। काफिले के आगे-आगे जिला प्रशासन द्वारा स्कॉर्टिंग वाहन चलते हैं ताकि मार्ग क्लियर रखा जा सके।

सुरक्षा में चूक क्यों

अचानक मार्ग परिवर्तन और ट्रैफिक कंट्रोल में असफलता को लेकर यह घटना मुख्यमंत्री की सुरक्षा में गंभीर चूक मानी जा रही है। ऐसे मामलों में जिला प्रशासन की जिम्मेदारी होती है कि काफिला निर्बाध रूप से सुरक्षित मार्ग से गुजरे। हालांकि, प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई कर जाम हटाया, लेकिन यह चूक उच्चस्तरीय समीक्षा का विषय बन सकती है।

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