रांची : झारखंड प्रदेश कांग्रेस पार्टी आज, 26 मई को राजधानी रांची में राजभवन का घेराव करेगी। यह प्रदर्शन आदिवासी समुदाय की वर्षों पुरानी मांग सरना धर्म कोड को मान्यता दिलाने के उद्देश्य से किया जा रहा है। इस आंदोलन की जानकारी राज्य की ग्रामीण विकास मंत्री और कांग्रेस नेत्री दीपिका पांडेय सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर साझा एक वीडियो संदेश के माध्यम से दी।
यह केवल प्रदर्शन नहीं, अस्मिता की लड़ाई है : दीपिका पांडेय
दीपिका पांडेय सिंह ने अपने संदेश में कहा कि यह आंदोलन केवल प्रदर्शन नहीं, बल्कि हमारी अस्मिता, आस्था और पहचान की लड़ाई है। 26 मई को कांग्रेस पार्टी आदिवासी समाज की वर्षों पुरानी मांगों को लेकर राजभवन का घेराव करेगी। सरना धर्म कोड और जनगणना फॉर्म में ‘सातवां कॉलम’ हमारी सबसे बड़ी मांगें हैं, जिन्हें अब और नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
आदिवासी समाज अपनी संस्कृति को लेकर चिंतित : जोसांय माझी
इससे पहले शनिवार को दुमका में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में झारखंड आदिवासी कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जोसांय माझी ने भी इस आंदोलन की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि आदिवासी प्रकृति के पुजारी हैं और अपनी संस्कृति व धार्मिक पहचान को लेकर बेहद सजग रहते हैं।
‘सरना धर्म कोड की मांग आदिवासी समाज की आत्मा से जुड़ी हुई है। इतने वर्षों से इस मांग की उपेक्षा होना बेहद दुखद है। कांग्रेस पार्टी हमेशा से इस मांग की पक्षधर रही है और इसे लागू करवाकर ही रहेगी’।
राज्य सरकार सरना कोड की समर्थक : श्यामल किशोर सिंह
कांग्रेस प्रवक्ता श्यामल किशोर सिंह ने भी इस विषय पर बयान देते हुए कहा कि झारखंड सरकार शुरू से ही सरना कोड की समर्थक रही है और इसे कानूनी मान्यता दिलाने के प्रयास लगातार किए जा रहे हैं।
‘राज्य सरकार और कांग्रेस पार्टी ने हमेशा आदिवासी पहचान की रक्षा के लिए संघर्ष किया है। लेकिन केंद्र सरकार और राजभवन की उदासीनता के कारण यह अब तक लागू नहीं हो पाया। सरना धर्म कोड को तुरंत लागू किया जाना चाहिए’।