Home » कांग्रेस के अच्छे दिन: राहुल गांधी को झारखंड हाईकोर्ट से 16 अगस्त तक सशरीर कोर्ट में पेश होने की मिली छूट, MP-MLA के आदेश पर हाईकोर्ट ने लगायी रोक

कांग्रेस के अच्छे दिन: राहुल गांधी को झारखंड हाईकोर्ट से 16 अगस्त तक सशरीर कोर्ट में पेश होने की मिली छूट, MP-MLA के आदेश पर हाईकोर्ट ने लगायी रोक

by Rakesh Pandey
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

रांची: कांग्रेस के अच्छे दिन शुरू हो गए हैं। पहले कर्नाटक चुनाव में जीत हासिल की वहीं अब चुनावी राज्य तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति ( BRS ) को झटका देते हुए कई नेता कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। वहीं झारखंड हाईकोर्ट से भी कांग्रेस नेता राहुल गांधी का बड़ी राहत मिली है।

सबसे पहले बात करते हैं रांची की जहां मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। झारखंड हाईकोर्ट ने मोदी सरनेम वाले मामले में राहुल गांधी को 16 अगस्त तक सशरीर कोर्ट में पेश होने से छूट दे दी है।

मंगलवार को सुनवाई करते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाते हुए पीड़क कार्रवाई पर भी रोक लगाई है। इसे राहुल गांधी के लिए बड़ी राहत मानी जा रही है।

विदित हो कि झारखंड हाईकोर्ट में MP-MLA कोर्ट द्वारा कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी को सशरीर उपस्थित होने के आदेश को चुनौती देते हुए याचिका दायर की गयी थी। जिस पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को कोर्ट ने यह फैसा सुनाया। इस मामले में अब अगली सुनवाई 16 अगस्त को होगी।

तेलंगाना में पार्टी को बड़ी सफलता:

तेलंगाना में इस साल के आखिर में चुनाव होना है। कांग्रेस ने तेलंगाना के सीएम केसीआर (KCR) की पार्टी बीआरएस (BRS) को बड़ा झटका दिया है। पूर्व सांसद पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी, तेलंगाना के पूर्व मंत्री जुपल्ली कृष्णा राव समेत 35 नेता (26 जून) को कांग्रेस में शामिल हो गए।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी की मौजूदगी में इन नेताओं ने पार्टी का दामन थामा है।
छत्तीसगढ‍़ के बाद राजस्थान में भी नेताओं की नाराजगी दूर करने के करीब कांग्रेस:
छत्तीसगढ़ में टीएस सिंहदेव को उपमुख्यमंत्री बना कर कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में भी संभावित डैमेज को कंट्रोल कर लिया, वहीं राजस्थान में भी पूर्व उप मुख्यमंत्री की नाराज़गी को दूर करने के लिए केंद्रीय नेतृत्व ने फ़ार्मूला सेट कर लिया है।

सूत्रों के अनुसार राजस्थान में चुनाव सीएम अशोक गहलोत के नेतृत्व में लड़ा जाएगा, लेकिन टिकट बंटवारे में सचिन पायलेट का भी ख्याल रखा जाएगा, साथ ही उन्हें सीडब्ल्यूसी में स्थान देने के साथ लोकसभा चुनाव में बड़ी ज़िम्मेवारी भी सौंपी जाएगी।

राजस्थान के राजनीतिक तौर पर विरोध के स्वर को भी कांग्रेस ने एक रणनीति के तहत जहां कंट्रोल किया, वहीं महाराष्ट्र की घटनाक्रम से भले एनसीपी परेशान है, लेकिन इससे कांग्रेस को जाने-अनजाने में ही बड़ा फ़ायदा होता दिख रहा है।

READ ALSO : विपक्षी दलों की बैठक टली : जानें अब क्या करेगी कांग्रेस, आरजेडी-जदयू ने बतायी से वजह, संसद और बिहार विधानसभा के सत्र को लेकर फंसा पेंच

महाराष्ट्र में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी बनी कांग्रेस:

शिवसेना व एनसीपी के बाद विपक्ष में अब सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस बन गयी है, नेता प्रतिपक्ष के पद पर अंदरखाने कांग्रेस के दावा ठोंकने की ख़बर है इधर, उत्तर प्रदेश में एक तरह से दम तोड़ती कांग्रेस को भी नया साथी मिलने की ख़बर है।

रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने सपा प्रमुख व पूर्व सीएम अखिलेश यादव से उत्तर प्रदेश में गठबंधन मज़बूत करने के लिए कांग्रेस के साथ मिल कर आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दे चुके हैं।

उसी प्रस्ताव व सियासी खिचड़ी का नतीजा है कि अखिलेश यादव अपने समर्थकों से सभाएँ कर के ये पूछ रहे हैं कि कांग्रेस के साथ गठबंधन कितना ठीक होगा। ख़बर है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस, सपा व रालोद का गठबंधन लगभग तय है।

सीटों को लेकर आने वाले दिनों में सारा कुछ फ़ाइनल कर लिया जाएगा। कुल मिला कर भारत जोड़ो यात्रा के बाद शिथिल पड़ी कांग्रेस में भी अब नहीं जान आ गयी है। केंद्र को मज़बूत करने के फ़ार्मूले पर काम करने वाली पार्टी अब पहले राज्यों को मज़बूत करने में जुटी है।

Related Articles