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Jharkhand Education News: राजभवन के फैसले के खिलाफ अनुबंध कर्मियों का भिक्षाटन और विरोध मार्च

कई अनुबंध कर्मचारी अचानक बेरोजगार हो गए हैं, जबकि उनके पास रोजगार का कोई अन्य विकल्प नहीं छोड़ा गया।

by Reeta Rai Sagar
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राज्यभर के कर्मियों ने रांची में किया प्रदर्शन, कहा- “हमारा रोजगार छीना गया, अब आगे उग्र आंदोलन”

Ranchi (Jharkhand): झारखंड के अंगीभूत महाविद्यालयों में कार्यरत अनुबंध शिक्षकेत्तर कर्मचारियों का आंदोलन अब निर्णायक मोड़ पर पहुंचता दिख रहा है। सोमवार को राजधानी रांची की सड़कों पर इन कर्मियों ने अपने भविष्य की सुरक्षा की मांग को लेकर भिक्षाटन और पैदल मार्च किया। इस विरोध प्रदर्शन में राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों से आए दर्जनों कर्मी शामिल हुए।

राजभवन के आदेश से छिन गई रोज़ी-रोटी

प्रदर्शनकारी कर्मियों का कहना है कि राज्यपाल के हालिया आदेश के बाद अंगीभूत महाविद्यालयों में नामांकन और शिक्षण कार्य पर रोक लगा दी गई है। इससे कई अनुबंध कर्मचारी अचानक बेरोजगार हो गए हैं, जबकि उनके पास रोजगार का कोई अन्य विकल्प नहीं छोड़ा गया।

फिरायालाल चौक तक निकाली पदयात्रा, तख्तियों और बैनरों से जताया विरोध

राजभवन से शुरू हुई यह पदयात्रा फिरायालाल चौक तक पहुंची, जहां प्रदर्शनकारियों ने तख्तियों, बैनरों और भिक्षा मांगने के माध्यम से सरकार के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर की। कर्मियों ने राहगीरों और दुकानदारों से भीख मांगते हुए कहा, “सरकार ने हमारी आजीविका छीन ली है, अब पेट पालने के लिए सड़कों पर उतरना पड़ा है।”

कर्मचारियों की मांग : विकल्प या समायोजन चाहिए

कर्मचारियों ने स्पष्ट किया कि उनका यह विरोध राज्यपाल और सरकार दोनों के प्रति नाराजगी दर्शाता है। उन्होंने मांग की है कि या तो उन्हें विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों में रिक्त पदों पर समायोजित किया जाए, या फिर उन्हें +2 विद्यालयों में समायोजन देकर भविष्य की सुरक्षा प्रदान की जाए।

इन विश्वविद्यालयों के कर्मचारी थे शामिल

रांची विश्वविद्यालय, रांची

कोल्हान विश्वविद्यालय, चाईबासा

सिद्धू कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय, दुमका

विनोद बिहारी कोयलांचल विश्वविद्यालय, धनबाद

नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय, पलामू

विनोबा भावे विश्वविद्यालय, हजारीबाग

सभी कर्मियों ने एक स्वर में चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जल्द समाधान नहीं किया तो वे उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

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