धनबाद : वासेपुर की आपराधिक दुनिया में हलचल मचाने वाली खबर सामने आई है। कुख्यात प्रिंस खान गैंग का अहम सदस्य माने जाने वाले मेजर सैफी अब्बास (मीडिया में ‘मेजर’ के नाम से मशहूर) ने गैंग से नाता तोड़ने का खुला ऐलान किया है। उसने सोशल मीडिया और मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक खुला पत्र जारी कर खुद को गैंग से अलग बताया और सीधे प्रिंस खान को चेतावनी भी दे डाली।
इस खुलासे के बाद स्थानीय स्तर पर चर्चा तेज हो गई है कि क्या वासेपुर का यह चर्चित गैंग अब बिखराव की ओर बढ़ रहा है। पुलिस भी मामले पर कड़ी नजर बनाए हुए है।
खुले पत्र में क्या कहा मेजर ने
जारी पत्र में मेजर ने साफ शब्दों में लिखा है, “प्रिंस खान गैंग से मेरा कोई संबंध नहीं है। इन लोगों के केस में मेरा नाम शामिल न किया जाए।” उसने दावा किया कि उसका अपना अलग सिस्टम है और धनबाद की जनता व पुलिस जानती है कि बीते पांच साल से छोटे व्यापारियों पर बम और गोली चलाने के पीछे कौन है।
वासेपुर के इदूल ने उसके नाम पर रंगदारी मांगी, लेकिन उससे उनका कोई लेना-देना नहीं है। मेजर ने लिखा कि वासेपुर उसका घर है और उसने वासेपुर सर्कस में काम करना छोड़ दिया है।
चेतावनी भरे अंदाज में कहा है, “धनबाद शहर किसी को विरासत में नहीं मिला, जिसमें दम होगा वही राज करेगा। व्यापार और इज्जत के बीच मत आओ। दोबारा मीडिया में इज्जत से नाम लेना, प्रिंसवा…”
मेजर की पहचान पर उलझन बरकरार
धनबाद पुलिस रिकॉर्ड में ‘मेजर’ नाम पहले भी कई आपराधिक मामलों में आ चुका है, लेकिन उसकी असली पहचान को लेकर लगातार संशय बना रहा है। पहले चर्चा थी कि मेजर का असली नाम नसीम अंसारी है। बाद में एक महिला द्वारा ‘मेजर’ बनकर धमकी भरे पत्र भेजने का मामला सामने आया। अब ताजा पत्र में मेजर ने अपना नाम सैफी अब्बास बताया है।