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Education: कर्मियों ने किया शिक्षा परियोजना कार्यालय का घेराव, मांगों पर प्रशासन मौन

by Mujtaba Haider Rizvi
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रांची: झारखंड राज्य आउटसोर्सिंग विज्ञान लैब फैसिलिटेटर संघ (Jharkhand State Outsourcing Science Lab Facilitator Union) के नेतृत्व में शिक्षा विभाग के कर्मियों ने गुरुवार को झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यालय (Jharkhand Education Project Office) का घेराव किया। इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व संघ के अध्यक्ष देवेंद्र नाथ महतो ने किया। कर्मियों ने पांच घंटे तक कार्यालय गेट को जाम कर दिया और वहां मौजूद कर्मचारियों को बाहर नहीं निकलने दिया। घेराव कार्यक्रम में राज्य के सभी जिलों के सरकारी विद्यालयों के कर्मचारी, 80 मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालय (CM Excellence Schools) के कर्मी, आदर्श एवं मॉडल विद्यालयों में कार्यरत सफाई कर्मी, माली, सुरक्षा प्रहरी, और लैब फैसिलिटेटर सहित अन्य कर्मी शामिल हुए। प्रदर्शनकारी कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर जोरदार नारेबाजी की और प्रशासन पर अनदेखी का आरोप लगाया।

प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगें

देवेंद्र नाथ महतो ने बताया कि एक साल पहले विभाग की ओर से सभी कर्मियों को उनकी पेमेंट स्लिप (Payment Slip), साप्ताहिक छुट्टी (Weekly Leave), सम्पूर्ण पीएफ (Provident Fund) और ईएसआई (Employee State Insurance) प्रदान करने का लिखित आश्वासन दिया गया था। लेकिन आज तक इन मांगों पर कोई अमल नहीं हुआ। उन्होंने यह भी बताया कि श्रम कानून (Labour Law) के अनुसार 12% पीएफ दिया जाना चाहिए, लेकिन कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। सुरक्षा प्रहरियों को पहले 1739 रुपये मिलते थे, जिसे अब घटाकर 759 रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा, उन्हें साप्ताहिक अवकाश, मेडिकल छुट्टी और मातृत्व अवकाश जैसी सुविधाएं भी नहीं दी जा रही हैं।

शोषण के आरोप और आंदोलन की चेतावनी

देवेंद्र नाथ महतो ने जेईपीसी (JEPC) के अधिकारियों पर झारखंड के कर्मचारियों के शोषण का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “यहां के अधिकारी खुद को नवाब समझते हैं और झारखंडियों के साथ अन्याय कर रहे हैं।” उन्होंने चेतावनी दी कि अगर कर्मियों की मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया, तो वे और भी उग्र आंदोलन करेंगे।

श्रम कानून किया जा रहा उल्लंघन

विरोध प्रदर्शन में शामिल कर्मियों ने बताया कि उनके अधिकारों की अनदेखी की जा रही है, जो सीधे तौर पर श्रम कानून का उल्लंघन है। उनका कहना है कि विभाग की अनदेखी से उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो रही है।

कार्यालय में ठप रहा कामकाज

पांच घंटे तक चले इस घेराव के कारण कार्यालय का कामकाज पूरी तरह ठप रहा। प्रदर्शनकारी कर्मियों की एकजुटता ने प्रशासन को सोचने पर मजबूर कर दिया है। अब देखना यह है कि प्रशासन इन मांगों को कब तक पूरा करता है।

लंबे समय से चल रहा आंदोलन

झारखंड के शिक्षा विभाग से जुड़े ये कर्मी अपनी जायज़ मांगों को लेकर लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान अब तक नहीं हुआ है। ऐसे में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासन उनके मुद्दों को कब और कैसे सुलझाता है।

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