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10 राज्यसभा सीटों के लिए होने जा रहे चुनाव : बंगाल, गुजरात और गोवा पर लगीं देश की निगाहें, एस जयशंकर फिर उतरेंगे मैदान में, यहां से मिल सकता है मौका

by Rakesh Pandey
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सेंट्रल डेस्क, नई दिल्ली : देश के तीन राज्यों की 10 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव होने जा रहे हैं। चुनाव के लिए अधिसूचना 6 जुलाई को जारी की जाएगी। नामांकन की अंतिम तिथि 13 जुलाई होगी। उम्मीदवारी वापस लेने की अंतिम तिथि 17 जुलाई होगी। मतदान और मतगणना 24 जुलाई को होगी। इसमें पश्चिम बंगाल की 6, गुजरात की 3 और गोवा की 1 सीट के लिए चुनाव होने जा रहे हैं।

गुजरात में विदेश मंत्री एस जयशंकर, दिनेश जेमलभाई अनावडीया और लोखंडवाला जुगल सिंह माथुरजी का कार्यकाल आगामी 18 अगस्त को समाप्त हो रहा है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल में डोला सेन, डेरेक ओब्रायन, प्रदीप भट्टाचार्य, सुष्मिता देव, सुखेंदु शेखर रे और शांता छेत्री का कार्यकाल भी 18 अगस्त को खत्म हो जाएगा।

चुनाव आयोग (EC)ने पश्चिम बंगाल की एक सीट पर उपचुनाव के लिए भी इसी कार्यक्रम की घोषणा की है। यह11 अप्रैल को तृणमूल कांग्रेस के सांसद लुइज़िन्हो जोआकिम फलेरियो के इस्तीफे से खाली हो गई थी। उनका कार्यकाल 2 अप्रैल, 2026 तक वैध था। गोवा में विनय तेंदुलकर का कार्यकाल 28 जुलाई को खत्म होने जा रहा है।

जानें कैसे फिर मिल सकता है जयशंकर को मौका

एस जयशंकर मौजूदा सरकार में विदेश मंत्री हैं। विदेश नीति के मामले में देश की मजबूत होती स्थिति के पीछे जयशंकर की अहम भूमिका मानी जा रही है। ऐसे में संभावना जतायी जा रही है कि भाजपा गुजरात से खाली राज्यसभा सीटों के लिए एक बार फिर एस. जयशंकर को उम्मीदवार बना सकती है। इसके अलावा गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और पूर्व उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल को भी उम्मीदवार बनाया जा सकता है।

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कैसे होता है राज्यसभा चुनाव प्रक्रिया का संचालन

राज्य सभा में सदस्यों का चुनाव राज्य विधानसभा के निर्वाचित सदस्यों की तरफ से किया जाता है। नामांकन फाइल करने के लिए न्यूनतम 10 सदस्यों की सहमति होना जरूरी होता है। सदस्‍यों का चुनाव सिंगल ट्रांसफरेबल वोट की तरफ से निर्धारित कानून से होता। इसके अनुसार राज्य की कुल विधानसभा सीटों को राज्यसभा की सदस्य संख्या में एक जोड़ कर उसे डिवाइड किया जाता है फिर उसमें 1 जोड़ दिया जाता है।राज्यसभा में कोई आरक्षण नहीं होता है। राज्यसभा में 2003 से एक नियम बना दिया गया है कि राज्यसभा के लिए मतदान गुप्त मतदान नहीं होते बल्कि ओपन बैलेट होते हैं। इसका मतलब यह है कि जब विधायक वोट करता है तो उसके लिए अपनी पार्टी के प्रतिनिधि को वोट दिखाना जरूरी है वरना उसका वोट निरस्त कर दिया जाता है। केवल निर्दलीय पर यह लागू नहीं होता है लेकिन जितने पार्टी के विधायक हैं उनपर यह नियम लागू होता है।

 

 

राज्यसभा चुनाव के शेड्यूल

अधिसूचना जारी करने की तारीख: 13 जुलाई
नामांकन की अंतिम तारीख: 14 जुलाई
उम्मीदवारी वापस लेने की अंतिम तारीख: 17 जुलाई
वोटिंग की तारीख: 24 जुलाई
मतदान का समय: सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक
मतगणना की तारीख: 24 जुलाई शाम 5 बजे से

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यह बंगाल और भाजपा के इतिहास में पहला मौका है जब बंगाल विधानसभा से निर्वाचित होकर भाजपा का कोई सदस्य राज्यसभा पहुंचेगा। 2017 के चुनावों में तृणमूल ने उन छह सीटों में से पांच पर जीत हासिल की थी। डेरेक ओ’ब्रायन, डोला सेन, सुखेंदुशेखर राय, शांता छेत्री और मानस भुइयां ने उन पांच सीटों पर जीत हासिल की। बाद में मानस ने इस्तीफा दे दिया था। उस सीट पर तृणमूल की सुष्मिता देव ने निर्वाचित हुई थीं। अब इन सभी के कार्यकाल समाप्त हो रहे हैं। वहीं, 2017 में जीते कांग्रेस के प्रदीप भट्टाचार्य का भी कार्यकाल भी खत्म हो रहा है। संसदीय अंकगणित के नियमों के अनुसार तृणमूल के पांच और भाजपा के एक सदस्य का राज्यसभा पहुंचना लगभग तय है। सूत्रों के मुताबिक इस बात की पूरी संभावना है कि इस बार मतदान की स्थिति ही नहीं उत्पन्न हो क्योंकि भाजपा दूसरी सीट जीतने की कोशिश नहीं करेगी।

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