RANCHI: रांची के ओरमांझी स्थित बिरसा मुंडा जैविक उद्यान (जू) में पश्चिम बंगाल के अलीपुर जू से लाई गई छह वर्षीय मादा जिराफ ‘मिस्टी’ की मौत हो गई। इस घटना से चिड़ियाघर प्रशासन शॉक है। जू के चिकित्सक डॉ. ओम प्रकाश साहू ने बताया कि बुधवार देर रात उन्हें सूचना मिली कि जिराफ जमीन पर गिरी हुई है। जब वे मौके पर पहुंचे, तब तक मिस्टी की मृत्यु हो चुकी थी। गुरुवार को रांची वेटनरी कॉलेज के डॉक्टर एन के गुप्ता और प्रज्ञा लकड़ा की देखरेख में पोस्टमार्टम किया गया।
डॉ. साहू ने बताया कि मृत जिराफ के महत्वपूर्ण अंगों को जांच के लिए IVRI (इंडियन वेटनरी रिसर्च इंस्टिट्यूट), इज्जतनगर बरेली भेजा गया है। मौत के वास्तविक कारणों की पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही हो सकेगी। जू प्रशासन द्वारा मिस्टी का अंतिम संस्कार गुरुवार को कर दिया गया।
बता दें कि 8 अगस्त 2025 को एक जोड़ा हिमालयन भालू और एक जोड़ा घड़ियाल के बदले, एक मादा जिराफ और एक जोड़ा सिल्वर फिजेंट रांची लाए गए थे। मादा जिराफ का नाम ‘मिस्टी’ रखा गया था। चिड़ियाघर में जिराफ का औसत जीवनकाल 18-20 वर्ष होता है, जबकि प्राकृतिक आवास में यह 15-17 वर्ष तक जीवित रहते हैं।


