फीचर डेस्क : दिवाली का त्योहार भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दौरान घरों में रोशनी, दीये, मोमबत्तियां और पटाखों की भरमार होती है, लेकिन खुशी के इस मौके पर आग लगने की घटनाएं भी बढ़ जाती हैं। इसलिए, हमें आग से सुरक्षा के उपायों को अपनाना अत्यंत आवश्यक है।
दिवाली के दौरान आग लगने के कई कारण होते हैं। इनमें प्रमुख हैं-
पटाखों का उपयोग : कई बार पटाखों की चिंगारी आसपास की चीजों को जलाने का कारण बन जाती हैं।
दीपक और मोमबत्तियां : इन्हें जलाते समय असावधानी बरतने से आग लग सकती है।
बिजली का अधिक उपयोग : दिवाली पर लाइटिंग और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के चलते वायरिंग पर अधिक लोड पड़ता है, जिससे शॉर्ट सर्किट होने का खतरा रहता है।
आग से बचने के लिए 14 सावधानियां
सुरक्षित कपड़े पहनें : रेशमी और सिंथेटिक कपड़े न पहनें, क्योंकि ये आसानी से जल सकते हैं। हमेशा सूती कपड़े पहनें।
दीपक को सुरक्षित रखें : दीपक और मोमबत्तियां ऐसी जगह पर जलाएं, जहां आग पकड़ने वाली वस्तुएं न हों।
हवा का ध्यान रखें : तेज हवा में दीये या मोमबत्तियां बाहर न जलाएं।
साफ-सुथरी जगह पर जलाएं : दीये और मोमबत्तियां हमेशा समतल और सुरक्षित जगह पर रखें।
इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से दूरी : दीये और मोमबत्तियां इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के पास न रखें।
सैनिटाइजर का उपयोग न करें : जलाने से पहले हाथों में सैनिटाइज़र न लगाएं, क्योंकि इसमें मौजूद अल्कोहल आसानी से आग पकड़ लेता है।
आग लगने पर घबराएं नहीं : तुरंत 100, 101 या 112 पर कॉल करें और सुरक्षित स्थान पर जाएं।
सही उपकरणों का उपयोग करें : पटाखे जलाने के लिए उचित उपकरणों का उपयोग करें।
सुरक्षा नियमों का पालन करें : अग्निशमन के निर्देशों का पालन करें।
आग लगने की स्थिति में क्या करें
अगर दीये, पटाखों या शॉर्ट सर्किट से आग लग जाए, तो सबसे पहले घबराएं नहीं। तुरंत अग्निशमन विभाग या नजदीकी थाने को कॉल करें और उस स्थान से दूर निकलें।
आग लगने के दौरान कुछ गलतियां हमारी जान को खतरे में डाल सकती हैं
आग को बुझाने का प्रयास करते समय तुरंत पानी का उपयोग न करें, यदि आग बड़ी हो गई हो।
अपनी सुरक्षा को नजरअंदाज न करें, प्राथमिकता अपनी सुरक्षा को दें।
धुएं में सांस लेने से बचें और जितनी जल्दी हो सके बाहर निकलें।
जलने से खुद को ऐसे बचाएं
सबसे पहले तो आप इस बात का ध्यान रखें कि कभी भी पटाखे सीधे हाथों से इस्तेमाल न करें। पटाखों को हमेशा दूर से जलाएं। सीधे हाथों से न जलाएं। माचिस की बजाय अगरबत्ती या मोमबत्ती का इस्तेमाल करें। इससे आग लगने का खतरा कम होगा।
आसपास पानी की बाल्टी, बालू या मिट्टी रखें
जहां भी पटाखे जलाएं, अपने आसपास एक पानी से भरी हुई बाल्टी और बालू या मिट्टी भी साथ रखें, ताकि कोई दुर्घटना हो जाए, तो आप तुरंत उसे काबू कर सकें। इसके अलावा, बिजली के उपकरणों से अलग हटकर पटाखे जलाएं।
फर्स्टएड किट
पटाखे जलाने से पहले अपने साथ एक पॉकेट फ्रेंडली फर्स्टएड किट रखें। अगर किसी कारणवश कोई जल जाए या उसे कोई चोट लग जाए, तो आप तुरंत उसका उपचार कर सकें। खासतौर पर अगर बच्चे पटाखे जला रहे हैं।
बच्चों को अकेले पटाखे जलाने न दें
अगर छोटे बच्चे पटाखे जला रहे हैं, तो उन्हें अकेला न छोड़ें। छोटे बच्चों के साथ माता-पिता या कोई बड़ा जरूर साथ रहे, ताकि वे उनकी मदद कर सकें।
जल जाएं तो ये करें
अगर कोई पटाखे फोड़ते समय जल गया है, तो आप तुरंत उसकी जली हुई त्वचा पर ठंडा पानी डालें। ध्यान रहे, आपको जली हुई स्किन पर टूथपेस्ट या फिर बर्फ के टुकड़े नहीं लगाने हैं, ये आपकी समस्या को बढ़ा सकते हैं। चोट ज्यादा गंभीर है तो बिना देर किए तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
बच्चों के लिए स्पेशल टिप्स
छोटे बच्चे अक्सर किसी पटाखे के न फूटने पर उसे बार-बार जलाते रहते हैं, तो वे ऐसा करने से बचें। माता-पिता उन्हें इस बारे में जानकारी दे सकते हैं, क्योंकि कई बार वह पटाखा जल चुका होता है, मगर फूटने में समय लगाता है। ऐसे में अगर आप उसे बार-बार जलाएंगे, तो वह कभी भी अचानक फट सकता है, जिससे आप जल सकते हैं। दिवाली का त्योहार खुशियों का प्रतीक है, लेकिन हमें सुरक्षा के उपायों का ध्यान रखना चाहिए। इस पर्व को मनाते समय आग से बचाव की सावधानियों को अपनाकर हम अपने और अपने प्रियजनों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं। सुरक्षित दिवाली मनाएं।
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