भागलपुर : पूर्वी बिहार का सबसे बड़े सरकारी अस्पताल, मायागंज अस्पताल, शनिवार को एक गंभीर विवाद का केंद्र बन गया, जब महज एक घंटे के भीतर यहां पांच मरीजों की मौत हो गई। इन मौतों के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में तोड़फोड़ की कोशिश की और एक डॉक्टर को बंधक बना लिया। हालांकि, पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया और किसी तरह हालात पर काबू पाया।
मामूली समस्या के बावजूद हुईं मौतें
पहली घटना में, भागलपुर के कहलगांव स्थित विक्रमशिला निवासी विनोद राम की इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि विनोद राम को मामूली समस्या थी, फिर भी डॉक्टरों ने उनका इलाज ठीक से नहीं किया। मरीज की स्थिति गंभीर होने पर परिजनों ने डॉक्टर से बेहतर इलाज की मांग की, लेकिन उसे नजरअंदाज किया गया। नतीजतन, विनोद की मौत हो गई और गुस्साए परिजनों ने डॉक्टर को बंधक बना लिया। हालांकि, अस्पताल के सुरक्षा गार्डों ने स्थिति को संभालते हुए डॉक्टर को सुरक्षित बाहर निकाला।
फल विक्रेता की अचेत होने के बाद मौत
दूसरी घटना में, एक फल विक्रेता कन्हैया पासवान की मौत हो गई। बताया जाता है कि कन्हैया काम के दौरान अचानक अचेत हो गए थे, जिसके बाद उन्हें मायागंज अस्पताल लाया गया। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में पहले से ही हंगामा चल रहा था, और डॉक्टरों ने कन्हैया पासवान पर ध्यान नहीं दिया। इलाज मिलने से पहले ही उनकी सांसें थम गईं। परिजनों का कहना था कि अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ।
पेट दर्द की शिकायत पर भर्ती महिला की मौत
तीसरी घटना में किरण देवी की मृत्यु हुई, जिन्हें पेट दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाया कि गार्ड ने उन्हें यह कहकर चुप करा दिया था कि “यह मरने की जगह है”। उनका आरोप था कि गलत इंजेक्शन देने के कारण उनकी मौत हुई। इस पर परिवार ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
अस्पताल प्रबंधन चुप, पुलिस की तैनाती
मायागंज अस्पताल में लगातार हो रही मौतों के बाद नाराज परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया और तोड़फोड़ करने की कोशिश की। हालात बिगड़ने के बाद पुलिस को मौके पर तैनात किया गया और अस्पताल को छावनी में तब्दील कर दिया गया। अस्पताल परिसर में भारी पुलिस बल की तैनाती के बाद किसी तरह शांति बहाल की जा सकी।
अस्पताल अधीक्षक
मायागंज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. हेमशंकर शर्मा ने पूरे घटनाक्रम पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “तीन मरीजों की मौत हुई है, जिन्हें गंभीर स्थिति में डॉ. वैध अली के निगरानी में भर्ती कराया गया था। मृतक के परिजनों को मरीज की हालत के बारे में पहले ही सूचित कर दिया गया था। लापरवाही का आरोप गलत है। फिर भी इस मामले की जांच करवाई जाएगी। मृतक के परिजन शव लेकर अपने घर चले गए हैं। फिलहाल स्थिति सामान्य है।
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