जमशेदपुर: श्री हनुमान जयंती के पावन अवसर पर हिंदू जनजागृति समिति, समविचारी हिंदुत्वनिष्ठ संगठनों और श्रद्धालुओं के संयुक्त प्रयास से शनिवार को देशभर में 500 स्थानों पर सामूहिक गदा पूजन का भव्य आयोजन किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य रामराज्य की स्थापना का संकल्प लेना और हिंदू समाज में शौर्य तथा धर्मरक्षा की भावना को जागृत करना था।
झारखंड के 20 स्थानों पर हुआ आयोजन
झारखंड राज्य में भी इस कार्यक्रम की व्यापक गूंज सुनाई दी। राज्य के 20 से अधिक स्थानों पर सामूहिक गदा पूजन का आयोजन हुआ, जिसमें युवाओं ने विशेष उत्साह के साथ भागीदारी की।
कार्यक्रम की विधि और अनुक्रम
कार्यक्रम की शुरुआत परंपरागत शंखनाद से की गई, जो ऊर्जा और भक्ति का प्रतीक रहा। इसके पश्चात सामूहिक प्रार्थना, गदा पूजन विधि, श्री हनुमानजी की आरती, मारुति स्तोत्रपाठ और “श्री हनुमते नमः” नामजप किया गया।
श्री हनुमान के गुण आत्मसात करने पर मार्गदर्शन
इस अवसर पर उपस्थित जनसमुदाय को “रामराज्य की स्थापना हेतु श्री हनुमान के गुण कैसे आत्मसात करें” इस विषय पर मार्गदर्शन प्रदान किया गया। वक्ताओं ने बताया कि कैसे हनुमानजी का त्याग, शौर्य, निष्ठा और सेवा भाव आज के समाज में अपनाए जाने चाहिए।
सामूहिक प्रतिज्ञा के साथ कार्यक्रम का समापन
कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थित श्रद्धालुओं ने रामराज्य की स्थापना हेतु सामूहिक रूप से प्रतिज्ञा ली कि वे धर्म, सेवा और समाज कल्याण के मार्ग पर अग्रसर रहेंगे।
राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश शिंदे का वक्तव्य
हिंदू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश शिंदे ने गदा पूजन के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा:
“मारुति की गदा केवल युद्ध का अस्त्र नहीं, बल्कि धर्मरक्षा का प्रतीक है। यह अन्याय के विरोध में खड़े होने और प्रभु कार्य के लिए सतत परिश्रम का प्रतीक है। अयोध्या में श्रीरामलला की प्रतिष्ठा ऐतिहासिक है, परंतु रामराज्य की स्थापना का कार्य अभी शेष है। यह तभी संभव है जब हम सभी में हनुमानजी जैसे गुण हों।”
गत वर्षों की परंपरा और इस वर्ष की सहभागिता
हिंदू जनजागृति समिति विगत तीन वर्षों से इस आयोजन को पूरे भारतवर्ष में सफलतापूर्वक कर रही है। इस वर्ष भी विभिन्न राज्यों में हज़ारों श्रद्धालुओं और हिंदुत्वनिष्ठ संगठनों की प्रभावशाली भागीदारी देखने को मिली।