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झारखंड के आंगनबाड़ियों में कमीशनखोरी का खेल, CDPO दुर्गेश नंदिनी के खिलाफ गंभीर आरोप

इतना ही नहीं कमीशन के लिए वे नौकरी से हटा देने की धमकी देने के साथ ही मानसिक रूप से सेविकाओं को प्रताड़ित भी करती थीं।

by Rakesh Pandey
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रोहित कुमार

जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन में कमीशनखोरी का आरोप सामने आया है। कुछ सेविकाओं ने जमशेदपुर सदर की पूर्व बाल विकास परियोजना पदाधिकारी (सीडीपीओ) दुर्गेश नंदिनी आंगनबाड़ी सेवाकाओं से 50 प्रतिशत तक कमीशन मांगने का आरोप लगाया है। कहा है कि कमीशन नहीं देने पर कार्यावधि के बाद भी केंद्र का निरीक्षण कर गलत रिपोर्ट बनाती थीं। इतना ही नहीं कमीशन के लिए वे नौकरी से हटा देने की धमकी देने के साथ ही मानसिक रूप से सेविकाओं को प्रताड़ित भी करती थीं। यह आरोप कुछ आंगबाड़ी सेविकाओं ने लगाते हुए उप विकास आयुक्त (डीडीसी) से दुर्गेश नंदिनी के खिलाफ लिखित शिकायत की है।

सेविका शंकरी सोरेन, ऊषा देवी व संगीता सरदार ने बताया कि सरायकेला-खरसावां जिले में तबादला होने के बाद भी दुर्गेश नंदिनी ने आंगनबाड़ी में आने वाले हर सामान के लिए उनसे कमीशन की मांग की। कमीशन नहीं देने पर उन्होंने 16 सितंबर की शाम 5.45 बजे वह सोनारी बिरसा बस्ती स्थित शंकरी सोरेन के आंगनबाड़ी केंद्र पहुंचीं।

शंकरी सोरेन ने बताया कि कार्यावधि समाप्त होने के बाद भी केंद्र का निरीक्षण कर पूर्व सीडीपीओ दुर्गेश नंदिनी ने गलत रिपोर्ट तैयार की। उसके बाद 20 सितंबर को उन्होंने सरायकेला-खरसावां जिले में योगदान करने के बाद 21 सितंबर को वाट्सएप ग्रुप पर स्पष्टीकरण मांगा। वाट्सएप ग्रुप में ही 22 सितंबर को स्पष्टीकरण दिया गया। उसके बाद दुर्गेश नंदिनी ने ग्रुप में शामिल एक सदस्य से माध्यम से ग्रुप से रिमूव करा दिया।

कमीशन के लिए बार-बार जलील करने का आरोप

शंकरी सोरेन ने डीडीसी को लिखे पत्र में आरोप लगाया है कि कमीशन के लिए दुर्गेश नंदिनी ने उन्हें बार-बार जलील किया। जब वह आंगनबाड़ी केंद्र का निरीक्षण करने पहुंचीं थीं, तब वे घरेलू पोशाक में थीं। वह तस्वीर वाट्सएप ग्रुप में डाल दी गयी। इसके अलावा पूरा रजिस्टर उठा ले गईं। बस्ती के लोगों के बीच जलील किया। इसके अलावा उन्होंने आरोप लगाया है कि एक सेविका के माध्यम से कमीशन की मांग करते हुए बैंक से सीधे मैडम के पास जाने की चेतावनी दिलाई गई। उन्होंने डीडीसी को बताया है कि पूरे घर का खर्च उन्हीं की आय से चलता है। अतः मानसिक प्रताड़ना से निजात दिलाई जाए।

हर सामान की खरीद पर मांगती थीं कमीशन

आंगनबाड़ी सेविका ऊषा देवी ने बताया कि दुर्ग्रेश नंदिनी हर सामान की खरीद पर कमीशन की मांगती थीं। रेडी टू ईट सामान पर 50 प्रतिशत और अन्य सामानों पर 20 प्रतिशत तक कमीशन की मांगती हैं। यहां तक कि सरकार द्वारा आंगनबाड़ी के लिए जो किराया आता है, उसमें से भी वह 50 प्रतिशत की मांग करती हैं। कमीशन नहीं देने पर जांच के नाम पर परेशान किया जाता था, ताकि दबाव में आकर कमीशन दे दिया जाए। एक अन्य आंगनबाड़ी सेविका शंकरी सोरेन ने बताया कि इस मामले में उपायुक्त से लिखित शिकायत कर जांच की मांग की गई है।

स्पष्टीकरण में एक माह पूर्व का हस्ताक्षर

इस मामले से संबंधित ‘द फोटोन न्यूज’ को कुछ दस्तावेज हाथ लगे हैं। दस्तावेज में तत्कालीन सीडीपीओ दुर्गेश नंदिनी ने सेविका शंकरी सोरेन से स्पष्टीकरण मांगा है। इसमें कहा गया है कि 16 सितंबर को आंगनबाड़ी केंद्र का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के क्रम में पाया गया गया कि आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन किसी और के द्वारा किया जा रहा है। इसके अलावा केंद्र में निजी सामान भी पाया गया। पत्र प्राप्ति के 12 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण की मांगा की गई है। इस पत्र में दिलचस्प बात यह है कि इसे 16 सितंबर 2024 को जारी किया गया है, लेकिन पत्र में हस्ताक्षर एक माह पूर्व 16 अगस्त का है।

सेविका विभाग के ग्रुप से अलग, पूर्व सीडीपीओ अब भी जुड़ीं

सेविका शंकरी सोरेन, संगीता सरदार व उषा देवी ने जिले के उप विकास आयुक्त (डीडीसी) से वाट्सएप ग्रुप से रिमूव किये जाने की भी शिकायत की है। उन्होंने बताया है कि ग्रुप से रिमूव कर दिए जाने के कारण वे 22 सितंबर के बाद से विभागीय सूचना आदि से अवगत नहीं हो पा रही हैं। इसके साथ ही अपने कार्य के संबंध में कुछ जानकारी देने में भी अक्षम हैं। इन सेविकाओं ने बताया है कि वे यहां कार्य कर रही हैं, बावजूद उन्हें रिमूव कर दिया गया है। लेकिन सीडीपीओ दुर्गेश नंदिनी अन्य जिला में योगदान करने के बाद भी इस ग्रुप में जुड़ी हुई हैं।

सभी आरोप गलत : दुर्गेश नंदिनी

दुर्गेश नंदिनी ने सभी आरोपों को गलत बताया। उन्होंने कहा कि उन्हें लगातार शिकायत मिल रही थी कि सोनारी में कई आंगनबाड़ी में अनियमितता हो रही है। इसको लेकर उन्होंने औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के क्रम में कई खामियां मिलीं, जिसके लिए स्पष्टीकरण मांगा था।

मामले की जानकारी अभी तक नहीं : डीएसडब्ल्यूओ

इस मामले को लेकर जब जिला समाज कल्याण पदाधिकारी (डीएसडब्ल्यूओ) संध्या रानी से बात की गई, तो उन्होंने इस मामले में बात करने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले में कोई जानकारी नहीं है।

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