Ranchi (Jharkhand) : झारखंड की जेलों में बंद कुख्यात अपराधियों की बढ़ती गतिविधियों पर लगाम कसने के लिए प्रशासन ने एक बड़ा कदम उठाया है। पलामू के मेदिनीनगर सेंट्रल जेल में बंद दुर्दांत गैंगस्टर सुजीत सिन्हा को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शनिवार को साहिबगंज जेल में स्थानांतरित कर दिया गया। यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब स्थानीय जेल में बंद रहने के कारण उसके गिरोह की गतिविधियां बढ़ गई थीं और बड़ी गैंगवार की आशंका बनी हुई थी। सुबह के समय पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की संयुक्त निगरानी में यह स्थानांतरण हुआ। सुजीत सिन्हा को विशेष सुरक्षा दल के साथ पलामू से साहिबगंज ले जाया गया, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को टाला जा सके।
‘द फोटोन न्यूज’ की खबर का असर, जेल IG ने लिया संज्ञान
यह पूरा मामला तब सामने आया जब ‘द फोटोन न्यूज’ ने अपनी 09 अक्टूबर की रिपोर्ट में कुख्यात सुजीत सिन्हा के जेल से लगातार सक्रिय रहने और होमटाउन की जेल में गैंगवार की प्रबल आशंका को प्रमुखता से उठाया था। खबर में बताया गया था कि जेल के भीतर होने के बावजूद सुजीत अपने सोशल मीडिया अकाउंट को लगातार एक्टिव रख रहा था और आपराधिक गतिविधियों का संचालन कर रहा था। इस खबर पर जेल आईजी सुदर्शन कुमार मंडल ने गंभीरता से संज्ञान लिया। सूत्रों के अनुसार, आईजी मंडल ने तत्परता दिखाते हुए स्थिति की समीक्षा की और तत्काल प्रभाव से गैंगस्टर को पलामू सेंट्रल जेल से दूरस्थ जेल में स्थानांतरित करने का आदेश जारी कर दिया।
जेल अधीक्षक ने जताई थी गैंगवार की आशंका
सुजीत सिन्हा को पलामू सेंट्रल जेल में रखने पर स्थानीय जेल प्रशासन भी चिंतित था। जेल अधीक्षक भागीरथी कारजी ने ‘द फोटोन न्यूज’ संवाददाता से बातचीत में साफ तौर पर गैंगवार की आशंका जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि चूंकि सुजीत सिन्हा पलामू के रेड़मा का रहने वाला है और उसके गिरोह के कई सदस्य भी इसी जेल में बंद हैं, ऐसे में गैंगवार की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। इसके अलावा, इसी जेल में पीएलएफआई का सुप्रीमो दिनेश गोप जैसे अन्य कुख्यात अपराधी और नक्सली भी बंद हैं, जिससे बड़े अपराधियों के बीच टकराव की स्थिति कभी भी बन सकती थी।
कॉरपोरेट स्टाइल में चल रहा था गिरोह, दर्जनों संगीन मामले हैं दर्ज
सुजीत सिन्हा को 10 अगस्त 2025 को चाईबासा जेल से पलामू सेंट्रल जेल लाया गया था। पलामू होमटाउन होने के कारण उसकी आपराधिक गतिविधियां तेज़ी से बढ़ गई थीं। सूत्रों के मुताबिक, वह जेल के अंदर से भी अपने गिरोह का संचालन किसी ‘कॉरपोरेट स्टाइल’ में कर रहा था।
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, उम्रकैद की सजा काट रहे इस कुख्यात अपराधी के खिलाफ हत्या, रंगदारी वसूली, जबरन वसूली और हथियारों की तस्करी जैसे दर्जनों संगीन मामले दर्ज हैं। सिर्फ पलामू जिले में ही उस पर 20 से अधिक आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने का आरोप है। इतना ही नहीं, सुजीत सिन्हा और उसके गिरोह पर पलामू में रेलवे के फ्रेट कॉरिडोर निर्माण स्थल और नेशनल हाई-वे कंस्ट्रक्शन साइट पर हमला कर दहशत फैलाने का भी गंभीर आरोप है।
एनआईए की जांच के घेरे में भी है सुजीत सिन्हा
अपराध की दुनिया में पलामू से कदम रखने वाले सुजीत सिन्हा की संलिप्तता अब केवल स्थानीय अपराधों तक सीमित नहीं रही है। उसके खिलाफ नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) की भी जांच चल रही है। सुजीत पर रांची, हजारीबाग, लातेहार, चतरा, रामगढ़ और पलामू समेत झारखंड के कई अन्य इलाकों में भी आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने के आरोप हैं। प्रशासन का यह कदम जेल के भीतर से होने वाले अपराधों पर लगाम लगाने की दिशा में एक सख्त संदेश है।