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रांची : निजी क्षेत्रों और परियोजनाओं में 75 प्रतिशत आरक्षण को सख्ती से लागू करे सरकार : समन्वय समिति

by Rakesh Pandey
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रांची : झारखंड राज्य समन्वय समिति की पहली बैठक शनिवार को समिति के अध्यक्ष सह सांसद शिबू सोरेन की अध्यक्षता में मोरहाबादी स्थित उनके आवास में हुई।

बैठक की जानकारी देते हुए विनोद पांडेय ने पत्रकार वार्ता में कहा कि कई बिंदुओं पर चर्चा की गयी। सबसे पहले सरकार की ओर से जो भी निर्णय लिये गये थे उन निर्णयों को सरकार मजबूती से लागू करे। जहां भी त्रुटी है, उन त्रुटियों को दूर करते हुए जो राज्य के लोगों की जनभावना है उस जनभावना को पूरा करने का प्रयास करने के लिए सरकार को परामर्श दिया है। निजी क्षेत्रों और परियोजनाओं में 75 प्रतिशत आरक्षण को जो प्रावधान लागू किया गया है उसे सख्ती से लागू करने का परामर्श सरकार को दिया गया है। जो छात्र और युवा हैं, उनका नियोजन हो और जो सरकार से उनकी जो उम्मीदें हैं, वह पूरा हो।

उन्होंने कहा कि दूसरा जो महत्वपूर्ण विषय सरना आदिवासी धर्म कोड है। राज्य सरकार ने कैबिनेट और विधानसभा से पास कर केंद्र सरकार को भेजने का काम किया। सरना आदिवासी धर्म कोड इस राज्य के लोगों की भावना से जुड़ा मामला है। राज्य सरकार ने इस मामले का निष्पादन किया। इसी प्रकार केंद्र सरकार भी भावना के अनुरूप अनुमोदित करे। उन्होंने कहा कि समिति ने सरकार को सुझाव दिया है कि उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर इस पर राष्ट्रपति से मिलकर लागू करवाने का अनुरोध किया जाये।

उन्होंने कहा कि स्थानीय नीति राज्य सरकार की ओर से बनायी गयी। विधानसभा ने उसे ध्वनि मत से पारित किया। राज्यपाल के पास अनुमोदन के लिए भेजा गया लेकिन राज्यपाल के यहां से बिना अनुमोदन के सरकार को लौटा दिया गया। समिति ने सरकार से निवेदन किया है कि जनभावना को देखते हुए इस स्थानीय नीति पर निर्णय लिया जाये। उन्होंने कहा कि एसटी, एससी और ओबीसी का आरक्षण को भी विधानसभा से पारित कराकर राज्यपाल के यहां भेजा गया। राज्यपाल की ओर से इस विधेयक को समीक्षा करने की बात कहकर लौटा दिया गया। सरकार इस पर निर्णय लेकर उसे लागू करें।

इसी प्रकार जनभावना के अनुरूप नियोजन नीति बनायी गयी लेकिन भाजपा के रवैया से यह मामला हाई कोर्ट से खारिज हो गया। पांडेय ने कहा कि कैबिनेट और विधानसभा में मॉब लिंचिंग को पास कर राज्यपाल को अनुमोदन के लिए भेजा था। उसे राज्यपाल की ओर से वापस कर दिया गया। उन्होंने कहा कि जनभावना के अनुरूप लिये गये सरकार के निर्णय को भाजपा के हस्तक्षेप करने पर राज्यपाल की ओर से लौटाया जाता है। समिति ने सभी विधेयकों के त्रुटि को ठीक कर सभी मामलों को दोबारा भेजने को कहा है।

मौके पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सह राज्य समन्वय समिति के सदस्य राजेश ठाकुर ने कहा कि सरकार हर स्तर पर काम करना चाहती है लेकिन विपक्ष का सहयोग नहीं मिल रहा है। ये भाजपा वाले हाईकोर्ट और राज्यपाल का सहारा लेकर विधेयकों को लागू करने में अड़ंगा डाल रहे हैं। एक सवाल के जवाब में ठाकुर ने कहा कि समिति का काम है समय-समय पर सरकार को सलाह देना, जो समिति कर रही है।

राजेश ठाकुर ने कहा कि बैठक में कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई बंद किये जाने के मामले पर चर्चा हुई। समिति के सदस्यों ने सरकार से आग्रह किया है कि जबतक कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं हो जाती तब तक कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई चालू रहने दिया जाये। बैठक में टीवीएनएल विस्तारीकरण पर भी विधिवत चर्चा की गयी। साथ ही समिति ने फैसला लिया कि हर महीने समिति बैठक करेगी।

बैठक में अध्यक्ष शिबू सोरेन के अलावा सदस्य आलमगीर आलम, सत्यानंद भोक्ता, सरफराज अहमद, राजेश ठाकुर, योगेंद्र महतो, फागु बेसरा और विनोद पांडे मौजूद थे।

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