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जम्मू-कश्मीर के 2711 भूमिहीन परिवारों को सरकार देगी जमीन, विपक्ष ने उठाए सवाल, कहा- इसके जरिए राज्य में बाहरी लोगों को बसाने की साजिश

by Rakesh Pandey
J & k Latest News Government will give land to 2711 landless families of Jammu and Kashmir, opposition raised questions, said- through this conspiracy to settle outsiders in the state
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श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में भूमिहीन लोगों को सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत पांच मरला (1,360 वर्ग फुट) जमीन देने जा रही है। इसकी तैयारी प्रशासन ने कर लिया है। जल्द ही जमीन आवंटन की प्रक्रिया शुरू होगी। वहीं इस घोषण के साथ ही सियासी घमासान शुरू हो गया है। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) की ओर से सबसे पहले इस फैसले पर सवाल उठाए गए हैं। इसके बाद घाटी के अन्य राजनीतिक दलों ने भी इस कदम पर प्रश्नचिन्ह खड़ा किया है।

इन पार्टियों ने जम्मू एंड कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से इस योजना का लाभ पाने वाले लोगों की पूरी जानकारी साझा करने की मांग की है। विपक्षी पार्टियों का कहना है कि सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि वे बेघरों में किसे गिन रहे हैं। क्या बेघरों में वे लोग भी शामिल हैं, जो एक सप्ताह पहले यहां आये हैं? क्या कोई कट-ऑफ तारीख है?

पीएम आवास योजना जम्मू में भी होगी लागू: उपराज्यपाल

इस फैसले पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना सिवाय जम्मू कश्मीर के पूरे देश में लागू की गई है। अब इस योजना को जम्मू कश्मीर में भी लागू किया जा रहा है। इससे कुछ लोगों के पेट में दर्द हो रहा है। उन्होंने कहा कि हमने जम्मू कश्मीर में 2711 भूमिहीन परिवारों और बेघरों को जमीन देने का ऐलान किया है। इससे कुछ लोगों को मिर्ची लगी है। वह इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। मैं इन सभी को बता देना चाहता हूं कि वह दिन लद गए जब वह लोग जम्मू कश्मीर में खुद को सरकारी जमीनों और निधियों का मालिक समझते थे।

2019 के बाद आने वाले लोगों को बसाना चाहती है सरकार : उमर अब्दुल्ला

नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और राज्य के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि 2019 के बाद सरकार ने
कई लोगों को यहां बसाने की कोशिश की है। अगर इरादा ऐसे व्यक्तियों को जमीन उपलब्ध कराने का है तो ये निश्चित रूप से हमारे मन में संदेह पैदा करेगा। ऐसे में सरकार पहले ये स्पष्ट करे कि वे बेघरों की गिनती कैसे कर रहे हैं।

महबूबा मुफ्ती ने लगाए ये आरोप

वहीं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सरकार पर बेघरों के लिए घर के देने नाम पर दस लाख लोगों को जम्मू-कश्मीर में लाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि ये भूमिहीन लोग कौन हैं? ये बेघर लोग कौन हैं? इन बेघर लोगों की तो कोई गिनती ही नहीं है। सरकार बात कर रही थी कि बाहर से निवेश आएगा और निवेश के बजाय, उन्होंने जम्मू-कश्मीर में बाहर से लोगों को लाना शुरू कर दिया है। अगर ऐसा हुआ तो हम इसका हर स्तर पर विरोध करेंगे।

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सरकार यह तय करें कि 2019 के बाद आए लोगों को योजना का लाभ न मिले 

पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन ने इस योजना के लिए पात्रता मानदंड स्पष्ट करने और 5 अगस्त 2019 के बाद यहां आए व्यक्ति को शामिल नहीं करने की मांग की। उन्होंने कहा कि अब जब सवाल उठाए जा रहे हैं,प्रशासन के लिए ये स्पष्ट करना समझदारी होगी कि क्या भूमिहीनों और बेघरों को जमीन देने में केवल 5 अगस्त 2019 से पहले के अधिवास धारक शामिल हैं। दावा किया गया है ग्रामीण विकास विभाग की सूची में कोई भी नया व्यक्ति शामिल नहीं होगा, लेकिन स्पष्टीकरण जरूरी है।

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प्रशासन ने ये कहा 

जम्मू-कश्मीर प्रशासन का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के बयान तथ्यात्मक रूप से गलत हैं और उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना की कोई समझ नहीं है। प्रशासन ने कहा कि सरकार ने उन लाभार्थियों की पहचान करने के लिए जनवरी 2018 से मार्च 2019 के दौरान आवास+ सर्वेक्षण किया, जिन्होंने 2011 सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना (एसईसीसी) के तहत छूट जाने का दावा किया था। इसके आधार पर लाभार्थियों का चुनाव किया गया है।

 

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