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सेहत की बात: बरसात में बढ़ जाता है इन बीमारियों का खतरा, मच्छरजनित रोगों से बचने के ये हैं उपाय

by Rakesh Pandey
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हेल्थ डेस्क, नई दिल्ली: पूरे देश में मानसून सक्रिय है। कई राज्यों में झमाझम बारिश हो रही है। लोग गर्मी के बाद बारिश का भरपूर आनंद भी ले रहे हैं। इन सबके बीच सेहत को लेकर विशेष रूप से सावधानी बरतने की जरूरत होती है। खासकर जब आप घर से बाहर निकलते हैं। बरसात के मौसम में बारिश की बूंदे कई बार लोगों को बीमार कर देती हैं। खानपान मे लापरवाही से भी कई रोग हो जाते हैं। मच्छरजनित बीमारियां तेजी से फैलती हैं।

बरसात में बीमारियों से कैसे बचें

बारिश के मौसम में बीमारियों से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि बाहरी खान-पान से बचना चाहिए। दूषित खान-पान की वजह से बीमारियां तेजी से बढ़ती हैं। इसका असर भी दिखने लगा है। अलग-अलग अस्पतालों में इससे संबंधित मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई है। वहीं, इस मौसम में मच्छरों के आतंक भी बढ़ जाता हैं। ऐसे में उससे भी बचाव जरूरी है।

बरसाती बीमारियों से बचाव को लेकर चिकित्सकों की क्या है सलाह

झारखंड के जमशेदपुर स्थित महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. राजन कुमार बरनवाल का कहना है कि झमाझम बारिश होने से गर्मी से राहत तो मिलती है लेकिन इस दौरान दर्जनों बीमारी भी होने का खतरा रहता है। बारिश के दौरान बीमारियों में वृद्धि होती है। जैसे, सर्दी, जुकाम , बुखार। साथ ही दूषित खाना और पानी से उल्टी, दस्त, पेट दर्द आदि की भी शिकायतें हो सकती है। इसलिए बारिश के दिनों में साफ या उबले हुए पानी ही पिए। घर और आस-पास के परिसर साथ रखें ताकि आस पास मच्छर नही पनपे और हम मलेरिया, डेंगू आदि बीमारियों से बचे रहें। मच्छर के काटने से बचने के लिए बच्चों और बड़ो को सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए। आइए जानते है इस मौसम में क्या-क्या बीमारी हो सकती है?

– जुकाम (Cold) : यह सबसे सामान्य मानसूनी बीमारी है। मानसून के मौसम में जुकाम और कफ की सामान्य समस्या होती है। यह सांस लेने में कठिनाई, नाक से पानी बहना, छींकना आदि के लक्षणों के साथ आता है।

– बचने के उपाय
– बारिश के दिनों में भीगने से बचें और शरीर गर्म रखें। हाथों को नियमित रूप से धोएं और सैनिटाइज करें।
– अच्छे व्यायाम, पौष्टिक आहार और पर्याप्त आराम लें। सब्जियों और फलों का सेवन बढ़ाएं ताकि आपका शरीर का रोग प्रतिरोधक क्षमता ठीक रहे।

– मच्छरजनित रोग : इसमें मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया मुख्य रूप से शामिल हैं।
– मलेरिया (Malaria) – मलेरिया मानसून में होने वाली एक गंभीर बीमारी है। मानसून के मौसम में मच्छरों की संख्या बढ़ने से मलेरिया का खतरा बढ़ जाता है। इसे एक प्रकार के परजीवी जैविक संक्रमण (प्लेसमोडियम) के कारण होता है। मलेरिया के लक्षणों में बुखार, ठंड और शरीर का दर्द शामिल हो सकते हैं।

– डेंगू (Dengue) : डेंगू एक और गंभीर बीमारी है जो मच्छरों के काटने से होती है। इसके मरीज जून से सितंबर के बीच अधिक मिलते हैं। यह एडीज नामक मच्छर के काटने से होता है। इसके लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द और खून बहने आदि की समस्या शामिल हो सकती है।

– चिकनगुनिया(Chikungunya) : यह एक वायरल बुखार है, जो संक्रमित मच्छरों के काटने से होता है। चिकनगुनिया के संक्रमण में अचानक बुखार और जोड़ों में दर्द की समस्या हो सकती है। इसके अलावा सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द (Muscle Pain) और जोड़ों में सूजन (Joint Swelling) के साथ ही शरीर पर चकत्ते (Rash) भी हो सकते हैं। इन लक्षणों के होने पर अपने डॉक्टर की सलाह लें।

मच्छरजनित रोग से बचने के उपाय
– मच्छरों से बचने के लिए एक अलग तरह का मच्छरदानी आता है, जिसे मेडिकेटेड मच्छरदानी कहा जाता है। दरअसल, इस मच्छरदानी को स्वास्थ्य विभाग की तरफ से भी वितरण किया जाता है। इसके साथ ही जल जमाव को रोकने के लिए पानी जमने वाली जगहों को साफ रखें। मच्छरों के पनपने के स्थानों को नष्ट करने का प्रबंध करें। कपड़ा ऐसा पहने जिससे आपका पूरा शरीर ढक जाए।

– टाइफाइड (Typhoid) : टाइफाइड बीमारी काफी खतरनाक माना जाता है। इससे संबंधित मरीजों की संख्या बढ़ गई है। इसमें शरीर का तापमान काफी बढ़ जाता है। बुखार, उल्टी, पेट में दर्द, सरदर्द आदि लक्षण हो सकते हैं I

– बचने के उपाय

– इस बीमारी से बचाव के लिए साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। साफ पानी पीएं और बाहरी खान-पान से बचें। घर में भी कोशिश करें कि ताजा-ताजा भोजन करें। मौसमी फलों और सब्जियों को अच्छी तरह से धो कर उसका सेवन करें। अपने हाथों को अच्छी तरह से धोएं। भोजन को अच्छी तरह से पकाएं।
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– जलजनित इंफेक्शन (Waterborne Infections) : बरसात के मौसम में पानी से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए कहा जाता है कि पानी को उबाल कर पीएं। ये संक्रमण इतना गंभीर होता है कि वह तत्काल अपना असर दिखाने लगता है और मरीज को पेट संबंधी समस्याएं शुरू हो जाती है। जैसे डायरिया, उल्टी, बुखार, पेट दर्द आदि शामिल होता है। इस अवस्था में तत्काल किसी चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।

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– बचने के उपाय

– जहां-तहां का पानी नहीं पीएं। किसी अच्छे जगह से पानी लेकर पीएं। अपने हाथों को बार-बार धोएं। खासकर शौचालय का उपयोग करने के बाद। रेस्टोरेंट में खाने जाएं तो वहां साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। घर से बाहर निकले तो बेहतर होगा अपने साथ पानी लेकर निकलें।

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