रांची : एचईसी (HEC) के दो हजार से अधिक कर्मियों को केवल 15 दिनों का वेतन दिए जाने के बाद स्थाई और सप्लाई कर्मियों में गहरा आक्रोश है। लंबे समय से कर्मचारियों का वेतन बकाया होने के कारण वे आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। एचईसी प्रबंधन पर लगभग 27-28 महीनों से कर्मियों का वेतन बकाया है, जिससे कर्मचारियों के जीवन-यापन में मुश्किलें बढ़ गई हैं।
प्रबंधन के रवैये पर नाराजगी
एचईसी मजदूर संघ के महामंत्री रामाशंकर प्रसाद ने कहा कि कर्मचारियों को केवल 15 दिनों का वेतन मिलने से उनका कोई भला नहीं होने वाला। उनका कहना है कि एचईसी प्रबंधन की नीतियों के कारण कर्मियों के सामने जीवन-मरण का सवाल खड़ा हो गया है। वेतन भुगतान को लेकर जब प्रबंधन से बातचीत की जाती है, तो उनका जवाब होता है कि जब पैसा होगा, तब वेतन दिया जाएगा।
केंद्र सरकार पर उठे सवाल
वहीं सीटू के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष और हटिया मजदूर यूनियन के अध्यक्ष भवन सिंह ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उनका कहना है कि एचईसी को लेकर केंद्र सरकार का रवैया ढीला-ढाला है। एचईसी का लगभग 47 करोड़ रुपये का बकाया केंद्र सरकार पर है, लेकिन सरकार ने अब तक इसका भुगतान नहीं किया है। भवन सिंह का कहना है कि इस कारण कर्मचारियों के वेतन का भुगतान नहीं हो पा रहा है, और नया ऑर्डर मिलने में भी कठिनाइयां आ रही हैं।
कर्मचारियों की संख्या व समस्याएं
एचईसी में कुल 900 स्थाई कर्मचारी और 1400 सप्लाई कर्मी कार्यरत हैं। वेतन में देरी के कारण कर्मचारी अब गंभीर वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि अगर स्थिति इसी तरह रही, तो उन्हें और उनके परिवारों को कठिन दौर से गुजरना पड़ेगा।
संघर्ष जारी
यह मुद्दा एचईसी के मजदूर संगठनों के लिए बड़ी चिंता का विषय बन चुका है। एचईसी में काम करने वाले श्रमिकों का कहना है कि यदि इस स्थिति का समाधान नहीं हुआ, तो वे अपनी आवाज और संघर्ष को और तेज करेंगे।