रांची : झारखंड की सियासत में बड़ा बदलाव हुआ है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने पार्टी के संविधान में ऐतिहासिक संशोधन करते हुए कार्यकारी अध्यक्ष पद को समाप्त कर दिया है और हेमंत सोरेन को पार्टी का नया केंद्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। पार्टी के 13वें महाधिवेशन के दूसरे दिन यह बड़ा निर्णय लिया गया। वहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेता और संस्थापक शिबू सोरेन को ‘संस्थापक संरक्षक’ की नई भूमिका दी गई है।
महाधिवेशन में सर्वसम्मति से लिए गए अहम फैसले
दो दिवसीय महाधिवेशन का आयोजन रांची के खेलगांव स्थित इंडोर स्टेडियम में हुआ, जहां मंगलवार को पार्टी नेताओं ने सर्वसम्मति से बड़े निर्णय लिए। नलिन सोरेन ने शिबू सोरेन को संस्थापक संरक्षक बनाए जाने का प्रस्ताव रखा। स्टीफन मरांडी ने इसका समर्थन किया।
इसके बाद शिबू सोरेन ने खुद हेमंत सोरेन को केंद्रीय अध्यक्ष बनाए जाने का प्रस्ताव रखा, जिसे उपस्थित सदस्यों ने एकमत से पारित कर दिया। हेमंत सोरेन के अध्यक्ष बनने के बाद शिबू सोरेन ने कार्यकर्ताओं से आशीर्वाद देने की अपील की।
अब गलती की गुंजाइश नहीं : हेमंत सोरेन
पार्टी का पूर्णकालिक नेतृत्व संभालने के बाद हेमंत सोरेन ने कहा, “जब कार्यकारी अध्यक्ष था, तब गलती की गुंजाइश थी, अब नहीं। पार्टी के अनुशासन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी और राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए हम सबको एकजुट होकर काम करना होगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी का विस्तार पूरे देश में किया जाएगा और महिलाओं को संगठन में बड़ी जिम्मेदारियों में शामिल किया जाएगा—जिला अध्यक्ष से लेकर तमाम उच्च पदों तक।
एक्स पर हेमंत का भावुक संदेश
हेमंत सोरेन ने अपने आधिकारिक एक्स (Twitter) हैंडल पर लिखा है, “बाबा दिशोम गुरुजी (शिबू सोरेन) ने जो जिम्मेदारी दी है और लाखों कार्यकर्ताओं ने जो भरोसा जताया है, उसे मैं दिन-रात मेहनत कर निभाऊंगा। बाबा के मार्गदर्शन में, वीर पुरखों के सपनों को साकार करने के लिए दोगुनी ताकत से राज्यवासियों की सेवा करूंगा।”
झामुमो ने बदली नेतृत्व संरचना, शिबू सोरेन अब संस्थापक संरक्षक
1987 से पार्टी अध्यक्ष रहे शिबू सोरेन ने पार्टी को दिशा देने में ऐतिहासिक भूमिका निभाई है। अब वे संस्थापक संरक्षक की भूमिका में रहेंगे और मार्गदर्शक की तरह काम करेंगे।
पार्टी की स्थापना 4 फरवरी 1973 को हुई थी और अब झामुमो ने अपने गठन के 53 वर्ष पूरे कर लिए हैं। झारखंड की मौजूदा सत्ता में झामुमो अहम भूमिका निभा रही है।
झामुमो महाधिवेशन: अब तक
पहला महाधिवेशन- एक और दो जनवरी 1983 धनबाद में, दूसरा महाधिवेशन- 26-28 अप्रैल 1986 को रांची में, तीसरा महाधिवेशन- 10-12 मई 1989 को दुमका में, चौथा महाधिवेशन- 10-12 जून 1994 को बोकारो में, पांचवां महाधिवेशन- 24-26 जून 1997 को जमशेदपुर में, छठा महाधिवेशन- 11-13 जून 2000 को रांची में, सातवां महाधिवेशन- 11-13 जून 2003 को जमशेदपुर में, आठवां महाधिवेशन- 27-29 जनवरी 2007 को देवघर में, नौवां महाधिवेशन- 20-22 सितंबर 2010 को दुमका में, दसवां महाधिवेशन- 16-18 अप्रैल 2015 को जमशेदपुर में, 11वां महाधिवेशन- 6-8 मई 2018 को धनबाद में, 12वां महाधिवेशन- 18 दिसंबर 2021 को रांची, 13वां महाधिवेशन- 14-15 अप्रैल 2025 को रांची के खेलगांव स्थित इनडोर स्टेडियम में आयोजित किया गया।
मना जा रहा है कि हेमंत सोरेन की पूर्णकालिक अध्यक्ष के रूप में ताजपोशी और शिबू सोरेन की संरक्षक की भूमिका, झामुमो के लिए एक ऐतिहासिक मोड़ है। यह देखना दिलचस्प होगा कि नई ऊर्जा और बदलाव के साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा राज्य में राजनीतिक और सामाजिक नेतृत्व की नई इबारत कैसे लिखता है। हेमंत के नेतृत्व में पार्टी किस दिशा में जाती है, इस पर सबकी नजरें टिकी हैं।


