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हिमालय के हृदय में बसा खूबसूरत ‘चौकोरी’

by The Photon News Desk
Himalya
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अपनी दिन-प्रतिदिन की व्यस्त जिन्दगी से दूर घूमने जाने के लिए यदि किसी ऐसी जगह की तलाश हो जो शांत और खूबसूरत हो, जहां से हिमालय की बहुत सारी ऊंची चोटियां दिखाई देती हो तो चौकोरी हिल स्टेशन आपके लिए एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। पिथौरागढ़ जिले में स्थित चौकोरी उन गिनी चुनी जगहों में आती है जिसे अपने सुखद वातावरण, शांति और प्राकृतिक सुन्दरता के लिए जाना जाता है। यह एक ऐसी जगह है जो अपने यहां आने वाले पर्यटकों के मन और दिल को तरोताजा कर देती है।

इस जगह पर आकर तरह तरह के पर्यटन स्थलों को देखने के साथ साथ पंचचूली की चोटियों के निर्बाध दृश्यों को देखा जा सकता है। खूबसूरत चाय के बागानों की यात्रा किया जा सकता है। हरे-भरे घास के मैदानों में घुमा जा सकता है। साथ ही ट्रेकिंग, कैम्पिंग और सोलो ट्रैवलिंग जैसी गतिविधियों के लिए भी यह एक परिपूर्ण जगह है। यह बात मुझे इस जगह पर पहुंचने के बाद पता चली। मैंने इस जगह पर ख़ूब एंजोय किया और यह छोटी सी यात्रा मेरी सबसे यादगार यात्रा बन गई।

चौकोरी के बारे में बहुत से कम लोग जानते हैं। लेकिन आपको बता दूं हिमालय की अद्भुत पहाड़ियों और वनस्पतियों से घिरी यह जगह कुमाऊं की सबसे बेहतरीन जगहों में आती है और समुद्र तल से ठीकठाक ऊंचाई पर होने के कारण इस जगह से नंदा देवी, नंदा कोट और पंचकुला जैसी खूबसूरत पहाड़ियां दिखाई देती है। चौकोरी में आप खूबसूरत हरे-भरे बागों की सैर करने के साथ चाय के बागान भी देख सकते हैं। कहा जाता है कि इस जगह पर चाय के बागानों की शुरुआत औपनिवेशिक काल के दौरान अंग्रेजों ने की थी। तभी से यहां पर चाय का उत्पादन होता है।

चौकोरी में ज्यादातर लोग शांति और सकून के साथ समय व्यतीत करने के लिए आते हैं और यहां सूर्योदय का दृश्य देखने लायक होता है। सूर्य की किरणें जब हिमालय की बर्फीली सफेद पहाड़ियों पर पड़ती हैं तो पूरा पहाड़ सोने के समान चमकने लगता है जिसका नजारा देखते ही बनता है। मैंने इस जगह पर आकर सबसे पहले नंदा देवी, नंदा कोट और पंचकुला की चोटियों को जी भर के देखा। चाय के बाग़ान घुमा और इस जगह की शांति को महसूस किया।

आपको बता दूं कि चौकोरी अपने शांतिपूर्ण वातावरण के साथ साथ अपनी भौगोलिक संरचना के लिए भी जाना जाता है जो इसे एक शानदार टूरिस्ट स्पॉट बनाता है। इस जगह पर आकर आप कई जगहों पर घूम और कई तरह की रोमांचक गतिविधियों को एन्जॉय कर सकते हैं। इस जगह पर नेचर वॉक, फोटोग्राफी और गांव की यात्रा का अच्छा और खुला विकल्प रहता है। मैने इस जगह पर कुछ लोगों को देखा भी जो फ़ोटोग्राफ़ी और विडीओग्राफ़ी कर रहे थे।

जैसा की मैंने आपको बताया कि चौकोरी एक हिल स्टेशन है जो हिमालय पहाड़ियों के साथ हरी-भरी वनस्पतियों से घिरा है, इसलिए आप यहां प्रकृति के बीच सैर करने का लुत्फ उठा सकते हैं। यह आपके लिए एक शानदार अनुभव हो सकता है। इस अनुभव को मैंने ख़ुद जिया तो लगा कि यह जगह किसी जन्नत से कम नहीं है। इस जगह पर सिर्फ़ घूमने ही नहीं बल्कि कुछ समय शांति और सकून के साथ बिताने के लिए भी आ सकते हैं। यह एक परफ़ेक्ट फ़ैमिली डेस्टिनेशन है।

पहाड़ पर फोटोग्राफी काम अपना एक अलहदा ही मज़ा है और जगह चौकोरी जैसी हो तो फिर क्या ही कहना। मैंने भी फ़ोटोग्राफ़ी और विडियोग्राफी में अपना हाथ आज़माया और पाया कि यह फोटोग्राफी के लिहाज से सचमुच एक बेहद ही खूबसूरत जगह है। इस जगह पर मेरी तरह कोई भी नंदा देवी, नंदा कोट, चौखंबा और पंचकुला पहाड़ियां को कैमरे में उतारकर अपने फोटोग्राफी के शौक को भी पूरा कर सकता है। फोटोग्राफी के बाद अब बारी थी गांव देखने की। गांव भ्रमण का सीधा सीधा मतलब होता है लोक और जीवन को जानना।

चौकोरी गांव का भ्रमण करके आप कुमाऊंनी कला, संस्कृति और परंपराओं को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। अगर पहाड़ी जीवन और संस्कृति को करीब से देखना और महसूस करना चाहते हैं तो यहां के आसपास के ग्रामीण इलाकों में जरूर जाएं। मुझे इस जगह का खानपान और पहनावा बेहद पसंद आया। मैंने कुछ स्थानीय महिलाओं को गीत गाते भी सुना जो काफ़ी मधुर था।

चौकोरी में आप प्राकृतिक स्थलों की सैर के अलावा आसपास के धार्मिक स्थलों के दर्शन जरूर करें। आप यहां कपिलेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। यह मंदिर पिथौरागढ़ के सौर घाटी में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और 10 मीटर अंधेरी गुफा के अंदर स्थित है। मुझे शुरू में तो बहुत ही रोमांचक लगा इस जगह पर पहुँचना लेकिन गुफा में जैसे ही प्रवेश किया अंधेरों ने मानोकि जकड़ लिया हो।

पूरा दिन घूमने के पश्चात थकान भी देह पर हावी होने लगी था। मैंने दर्शन किया और लौटने के बारे में सोच ही रहा था कि एक सज्जन से मुलाक़ात हो गई। उन्होंने इस जगह के बारे में मुझे काफ़ी कुछ बताया। उन्होंने बताया कि गंगोलीहाट स्थित महाकाली मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। यह मां कालिका का एक प्रसिद्ध मंदिर है जो देवदार के जंगलों के मध्य स्थित है। धार्मिक स्थलों की श्रृंखला में आप यहां नाग मंदिर के दर्शन भी कर सकते हैं।

इन सब के अलावा यहां आसपास के इलाको में और भी प्रसिद्ध मंदिर है जहां के दर्शन आप चौकोरी यात्रा के दौरान कर सकते हैं। पाताल भुवनेश्वरी, अर्जुनेश्वर शिव मंदिर, कलिनाग, बासुकीनाग, फनी नाग, पिंगला नाग, मोस्टमानु मंदिर, हरिनाग मंदिर, घुंसेरा देवी मंदिर, चिनेश्वर जलप्रपात जैसी जगहों पर भी जा सकते हैं। मैंने उनकी बातों में हामी भरी और इस जानकारी के लिए शुक्रिया कहा।

उस सज्जन की बताई जगहों पर कुछ और दिनों तक घुमा और फिर दिल्ली अपने घर लौट आया। लेकिन यह यात्रा आज भी मेरी स्मृतियों में है। मेरा मानना है कि इस जगह पर एक ना एक बार हर किसी को जाना चाहिए। इस जगह पर पहुंचने के लिए परिवहन के सभी तरह के साधन मौजूद हैं। यहां का नज़दीकी हवाईअड्डा पिथौरागढ़ का नैनी सैनी और देहरादून स्थित जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है। रेल मार्ग के लिए आप काठगोदाम रेलवे स्टेशन का सहारा ले सकते हैं। सड़क मार्गों से आना चाहें तो चौकोरी, राज्य के कई बड़े शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।

 

Sinrai Ghati

संजय शेफर्ड

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