साहिबगंज: झारखंड के साहिबगंज जिले स्थित भोगनाडीह गांव में हूल दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को लेकर विवाद गहराता गया और देखते ही देखते मामला हिंसक रूप ले बैठा। संताल आदिवासी समुदाय और पुलिस के बीच झड़प के बाद इलाके में तनाव का माहौल बन गया।
कार्यक्रम स्थल पर तीर-धनुष चलने से बिगड़ा माहौल
हूल दिवस के अवसर पर सिद्धो-कान्हू पार्क में एक कार्यक्रम का आयोजन मंडल मुर्मू के संगठन द्वारा किया गया था। बताया जा रहा है कि कार्यक्रम स्थल पर तीर-धनुष चलने की घटना के बाद विवाद बढ़ गया। माहौल तब और तनावपूर्ण हो गया जब पुलिस ने कार्यक्रम से पहले सिद्धो-कान्हू मुर्मू के वंशज मंडल मुर्मू समेत कई अन्य लोगों को हिरासत में ले लिया।
पंडाल तोड़ने से भड़के ग्रामीण, पुलिस को करनी पड़ी कार्रवाई
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, प्रशासन ने रात में कार्यक्रम स्थल पर बनाए गए पंडाल को खोल दिया, जिससे लोगों में नाराजगी फैल गई और उन्होंने विरोध जताना शुरू कर दिया। प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।
इस दौरान कुछ पुलिसकर्मी और ग्रामीणों के घायल होने की खबर है। सभी घायलों को बरहेट पीएचसी में भर्ती कराया गया है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को मौके से खदेड़ दिया और सिद्धो-कान्हू पार्क में लगे तालों को तोड़ दिया गया।
चंपई सोरेन और सीता सोरेन को होना था शामिल
सूत्रों के अनुसार, इस कार्यक्रम में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन और पूर्व विधायक सीता सोरेन को भी शामिल होना था, लेकिन हंगामे और पुलिस की कार्रवाई के चलते माहौल पूरी तरह बिगड़ गया। फिलहाल इलाके में स्थिति सामान्य बताई जा रही है लेकिन पुलिस बल तैनात है और हालात पर नजर रखी जा रही है।
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