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नीतीश कुमार में दम है तो कैमरे पर कहें लालू और उनका परिवार भष्टाचार में नहीं है लिप्त : प्रशांत किशोर

by Rakesh Pandey
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पटना : भागलपुर में रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट गंगा नदी पर निर्माणाधीन पुल रेत की तरह भरभराकर गिर गया. इसका वीडियो वायरल होने के बाद आम लोगों में चर्चा तेज है कि ये प्रोजेक्ट कहीं न कहीं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया. विकास के नाम पर जनता से टैक्स के रूप में वसूली जा रही गाढ़ी कमाई की बर्बादी को लेकर जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर मुखर होकर अपनी बात लगातार रख रहे हैं. प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के लोग ये नहीं कहेंगे कि लालू ईमानदार हैं. लालू के लोग भ्रष्टाचार में शामिल नहीं है. हमनें खुली चुनौती दी है कि अगर दम है तो नीतीश कुमार कैमरे के सामने आकर एक लाइन कहकर दिखला दें कि लालू और उनके परिवार के लोग भ्रष्टाचार में शामिल नहीं हैं. कोई अगर नीतीश कुमार से बुलवा दे कि लालू का परिवार भ्रष्टाचार में लिप्त नहीं है. इसके बाद लोग जो कहेंगे मैं मानने के लिए तैयार हूं. नीतीश कुमार ऐसा कह ही नहीं सकते, क्योंकि जीवनभर नीतीश कुमार ने अपनी राजनीति ही यही कहकर की है कि लालू भ्रष्ट हैं. आज जिसने चोरी की है भ्रष्टाचार किया है उसके साथ जनता खड़ी नहीं है. बिहार में आज कोई उनसे सहानुभूति भी नहीं रख रहा है. बिहार में आरजेडी की सरकार में भ्रष्टाचार नहीं हुआ है कोई कह सकता है? इन्होंने बिहार को खूब लूटा है.
पूर्व पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने तेजस्वी यादव पर बोला हमला :
पूर्व पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए कहा कि 2016 में जब इसका डिजाइन बना था तो आप उस वक्त उपमुख्यमंत्री थे और जब दोबारा उस पुल पर काम शुरू हुआ जांच होने के बाद उस वक्त भी आपकी सरकार थी इस तरह से तेजस्वी यादव बच नहीं सकते. राजनीतिक लाभ उठाने के लिए काम तो कुछ करते नहीं हैं, नितिन नवीन ने कहा कि बीजेपी के प्रवक्ता ने जब पुल के डिजाइन पर सवाल उठाया था, उस वक्त तेजश्वी ने सदन में कहा था कि सब ठीक है इस कारण काम शुरू किया गया है.
भाजपा का काम है अपनी गलतियों को दूसरे पर थोपना
वहीं राजद के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा है कि जो पुल गिरा है, उसके शुरू से बनाने की प्रकिया में 2017 से 2022 तक तो पथ निर्माण मंत्री भाजपा से नंदकिशोर यादव, मंगल पांडेय और नितिन नवीन थे और इल्जाम अभी के मंत्री पर लगा रहे हैं. इनका यहीं कम है. अपनी गलतियों को दूयरे पर थोप

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