लखनऊ: उत्तर प्रदेश महिला आयोग ने महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पेश किए हैं। इन प्रस्तावों में सबसे चर्चा में रहने वाली बात यह है कि पुरुष दर्जियों को महिलाओं का नाप लेने से रोका जाएगा। इसके अलावा, महिला आयोग ने जिम और योगा सेंटरों में महिला ट्रेनर्स की अनिवार्यता और स्कूल बसों में महिला सुरक्षा कर्मियों की नियुक्ति जैसे प्रस्ताव भी रखे हैं। आयोग का यह कदम महिलाओं के अधिकारों और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
कानपुर में महिला की हत्या ने बढ़ाई चिंता
महिला आयोग का यह फैसला एक दर्दनाक घटना के बाद आया है, जब कानपुर में एक जिम ट्रेनर ने महिला की हत्या कर दी थी। यह घटना सुरक्षा की कमी और महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों के प्रति समाज में गंभीर सवाल खड़े करती है। जून में कानपुर की एकता गुप्ता नामक महिला की जिम ट्रेनर द्वारा अगवा कर हत्या कर दी गई थी। जांच में सामने आया कि जिम ट्रेनर विमल सोनी ने एकता को नशीला पदार्थ मिलाकर बेहोश किया और फिर एक विवाद के दौरान उसे थप्पड़ मारने के बाद वह गिर पड़ी, जिससे उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद जिम जैसी सार्वजनिक जगहों पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं उत्पन्न हुईं, और महिला आयोग ने तात्कालिक कदम उठाने की आवश्यकता महसूस की।
महिला ट्रेनर्स की अनिवार्यता
महिला आयोग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखा है। आयोग का मानना है कि जिम और योगा सेंटरों में महिलाओं को पूरी तरह से सुरक्षित महसूस करने के लिए केवल महिला ट्रेनर्स की नियुक्ति अनिवार्य होनी चाहिए। इसके साथ ही, इन स्थानों पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने की भी सिफारिश की गई है। इससे न केवल महिलाओं के मानसिक शांति को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि किसी भी अप्रिय घटना के घटने की स्थिति में इसका रिकॉर्ड भी उपलब्ध रहेगा।
पुरुष दर्जियों पर पाबंदी
महिला आयोग का यह निर्णय महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देने की दिशा में एक अहम कदम है। आयोग ने यह प्रस्ताव रखा है कि अब से पुरुष दर्जी महिलाओं का नाप नहीं ले सकेंगे। इस फैसले के पीछे प्रमुख कारण यह है कि अक्सर महिलाओं को पुरुष दर्जियों के साथ नाप लेते समय असहज महसूस होता है, और कभी-कभी यह असहजता गलत मंशा के कारण उत्पन्न हो सकती है। आयोग का यह मानना है कि दर्जियों की दुकानों में सिर्फ महिला कर्मचारी ही महिलाओं का नाप लें और इसके साथ ही दुकानों में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएं। इस उपाय से महिलाओं को न सिर्फ मानसिक शांति मिलेगी, बल्कि किसी भी गलत घटना को रोकने का एक ठोस कदम भी उठाया जाएगा।
स्कूल बसों में महिला सुरक्षाकर्मी और अन्य प्रस्ताव
महिला आयोग ने अपनी बैठक में कुछ और महत्वपूर्ण सुरक्षा उपायों की सिफारिश की है। इनमें सबसे प्रमुख यह है कि सभी स्कूल बसों में महिला सुरक्षाकर्मी या महिला शिक्षिका की नियुक्ति की जाए, ताकि स्कूल जाने वाली लड़कियों को सुरक्षित यात्रा मिल सके। इसके अलावा, सैलून और ब्यूटी पार्लर जैसी जगहों पर भी महिला ग्राहकों की देखभाल केवल महिला कर्मचारियों द्वारा की जाए और यहां भी सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। इन उपायों से महिलाओं को अपने दैनिक कार्यों में अधिक सुरक्षा और आत्मविश्वास मिलेगा।
महिला आयोग का उद्देश्य
महिला आयोग का यह फैसला किसी संकीर्ण सोच से प्रेरित नहीं है, बल्कि इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाना है। महिला आयोग की सदस्य हिमानी अग्रवाल ने कहा कि इन फैसलों का लक्ष्य महिलाओं के अधिकारों और सम्मान की रक्षा करना है। समाज में महिलाओं को बराबरी और सम्मान मिले, इसके लिए ये कदम बेहद महत्वपूर्ण हैं। आयोग का मानना है कि इन प्रस्तावों को लागू करने से महिलाओं को न केवल सुरक्षित महसूस होगा, बल्कि यह पूरे समाज में महिलाओं के प्रति सकारात्मक बदलाव का कारण बनेगा।
महिला आयोग द्वारा प्रस्तावित किए गए ये सुरक्षा उपाय, यदि लागू होते हैं, तो निश्चित रूप से राज्य की महिलाओं के लिए एक सकारात्मक कदम साबित होंगे। इससे न केवल उनके मानसिक शांति को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह समाज में महिलाओं के प्रति सुरक्षित और सम्मानजनक माहौल बनाने में भी मदद करेगा। यह बदलाव महिलाओं को न केवल घर के बाहर बल्कि अपने रोजमर्रा के जीवन में भी आत्मविश्वास से जीने के लिए प्रेरित करेगा। महिला आयोग के इन प्रस्तावों को राज्य सरकार द्वारा मंजूरी मिलने के बाद, यह पहल उत्तर प्रदेश में महिलाओं के लिए सुरक्षा का एक नया अध्याय शुरू कर सकती है।
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