नई दिल्ली: संयुक्त राज्य अमेरिका ने हाल ही में अवैध रूप से उसके शहर में रह रहे भारतीय नागरिकों को वापस भेजने के लिए 22 अक्टूबर को चार्टर्ड विमान का उपयोग किया है। यह कदम अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग (डीएचएस) की ओर से उठाया गया है। यह भारत सरकार के सहयोग से संचालित किया गया।
गैरकानूनी तरीके से रहे रहे थे भारतीय नागरिक
डीएचएस के उप सचिव क्रिस्टी ए. कैनेगलो ने स्पष्ट बताते हुए कहा कि जो भारतीय नागरिक अमेरिका में कानूनी आधार के बिना रह रहे हैं, उन्हें तुरंत निर्वासन का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि इच्छुक प्रवासियों को उन तस्करों के झूठे प्रचार में नहीं फंसना चाहिए जो अवैध रूप से प्रवासन को बढ़ावा देते हैं।
क्या है “प्रोक्लेमेशन ऑन सिक्योरिंग बॉर्डर”
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने 2024 में मैक्सिको सीमा पर अवैध घुसपैठ को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण उद्घोषणा पर हस्ताक्षर किए थे। इसे “प्रोक्लेमेशन ऑन सिक्योरिंग बॉर्डर” के नाम से जाना जाता है। इस उद्घोषणा के अंतर्गत एक अंतरिम नियम लागू हुआ, जिसने दक्षिण-पश्चिम सीमा पर घुसपैठ में 55% की कमी की। यह कदम अमेरिका के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जो अवैध प्रवास की समस्या से निपटने के लिए उठाया गया है।
इस वर्ष 160,000 से अधिक व्यक्तियों को वापस भेजा गया
वित्तीय वर्ष 2024 में, डीएचएस ने 160,000 से अधिक व्यक्तियों को वापस भेजा है। इसमें भारत के अलावा 145 से अधिक अन्य देशों के नागरिक भी शामिल हैं। डीएचएस ने इस अवधि में 495 से अधिक अंतरराष्ट्रीय प्रत्यावर्तन उड़ानों का संचालन किया है। यह आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि अमेरिकी सरकार अवैध प्रवास को नियंत्रित करने के लिए कितनी गंभीरता से काम कर रही है।
मामले को लेकर कई देशों से संपर्क में है अमेरिका
कैनेगलो ने बताया कि डीएचएस अमेरिका में रहने के लिए कानूनी आधार के बिना नागरिकों के प्रत्यावर्तन को स्वीकार करने के लिए विदेशी सरकारों के साथ नियमित रूप से संपर्क में है। यह एक महत्वपूर्ण पहल है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रवासियों को उनके मूल देशों में सुरक्षित ढंग से वापस भेजा जा सके।
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