नई दिल्ली : भारत अब अन्य देशों में अपने युद्ध उपकरण निर्यात करने जा रहा है। रक्षा क्षेत्र में भारत अपनी एक अलग साख बना रहा है। वर्ष 2018 में भारत और इंडोनेशिया के मध्य हुए रक्षा समझौते को विस्तार देते हुए, अब इंडोनेशिया भारत से ब्रह्मोस मिसाइल की एक बड़ी खेप खरीदने वाला है। इस अनुमानित सौदे की रकम 45 करोड़ डॉलर है।
चीन और पाकिस्तान के लिए होगा बड़ा झटका
अपने रक्षा क्षेत्र को मजबूत करते हुए, भारत अपनी स्वदेश निर्मित तकनीक और युद्ध उपकरणों के निर्माण में आगे बढ़ गया है। भारत की तकनीक और उच्च क्षमता से लैस युद्ध उपकरणों का लाभ पूरी दुनिया उठाने जा रही है। दरअसल इंडोनेशिया और भारत के बीच 2018 में रक्षा मामलों से संबंधित समझौता हुआ था। इसी समझौते को विस्तार देते हुए अब इंडोनेशिया, भारत से ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने जा रहा है। यह भारत की बढ़ती साख का प्रमाण है। भारत की आर्थिक वृद्धि के दृष्टिकोण से भी यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस व्यापार के जरिए दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया के साथ भारत के रिश्ते मजबूत होना, चीन और पाकिस्तान जैसे देशों के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है।
यह देश भी खरीद चुका है भारत से मिसाइल
वर्ष 2018 में भारत और इंडोनेशिया के बीच रक्षा संबंधी एक समझौते पर हस्ताक्षर हुआ था। इसके बाद दोनों देशों की सेनाएं भी संयुक्त युद्धाभ्यास भी करती हैं। वर्ष 1997 से दोनों देश अंतरिक्ष क्षेत्र में भी संयुक्त रूप से कार्य कर रहे हैं। भारत और इंडोनेशिया का यह कूटनीतिक रिश्ता एक तरीके से चीन और पाकिस्तान को बड़ा झटका देने वाले साबित होगा। अपने इस कदम से भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की घेराबंदी सुनिश्चित करेगा। हिंद-प्रशांत क्षेत्र स्थित देशों से रक्षा, सैन्य और व्यापार के संबंधों में साझेदारी और सहयोग को बढ़ाकर भारत चीन से अपने लिए एक रक्षा कवच भी तैयार कर रहा है। इससे पहले फिलीपींस भी भारत से ब्रह्मोस मिसाइल खरीद चुका है।
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति होंगे भारत यात्रा पर
वर्ष 2018 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडोनेशिया का अधिकारिक दौरा भी किया था। पीएम मोदी ने इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रोबोवो सुबियांतो को 76 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर भारत में मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया है। प्रोबोवो अपनी तीन दिवसीय भारत यात्रा के लिए दिल्ली आ चुके हैं। यह पहली बार है, जब राष्ट्रपति बनने के बाद वह भारत आए हैं। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति के इस भारतीय दौरे के दौरान ही ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल खरीदने के फैसले पर अंतिम मुहर लगने की संभावना है।
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