सेंट्रल डेस्क : बिहार के बेगूसराय जिले में एक अजीब और चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक पुलिस दरोगा ने अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हुए थाने से एक जीप की चोरी करवा दी। यह घटना तब उजागर हुई जब एक थाने से जब्त किए गए कमांडर जीप को चोरी करके बदल दिया गया और उसकी जगह एक पुरानी जीप खड़ी कर दी गई। इस मामले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें एक अवर निरीक्षक (SI), थाने का ड्राइवर और दो अन्य लोग शामिल हैं।
मटिहानी में हुई दुर्घटना
7 फरवरी की सुबह मटिहानी-बेगूसराय सड़क पर एक कमांडर जीप ने दो छात्रों को कुचल दिया था, जिसमें एक छात्रा की मौत हो गई थी। इस दुर्घटना में मृतक छात्रा का नाम सिम्मी कुमारी था, जो बबलू ठाकुर की बेटी थी। घटना के बाद स्थानीय लोगों ने जीप को पकड़ लिया और ड्राइवर को भी पकड़ लिया। पुलिस ने इस मामले की जांच की और नाबालिग ड्राइवर को छोड़ दिया, जबकि जीप को थाने में रख लिया गया।
जीप की करा दी अदला-बदली
हालांकि, इस घटना के बाद 27 फरवरी की रात एक और विवाद सामने आया। पुलिस के एक अधिकारी, SI सुजीत कुमार, मटिहानी के कारी सिंह और भानु सिंह तथा मटिहानी थाना के ड्राइवर मोहम्मद जाकिर ने थाने में खड़ी जीप को हटा दिया और उसकी जगह एक पुरानी कमांडर जीप लगा दी। इस जीप को कबाड़ी से खरीदी गई थी और उसे पहले वाली जीप का नंबर प्लेट भी लगा दिया गया था। इस घटना के बाद लोगों ने 1 मार्च को थाने के परिसर में बदल चुकी जीप देखी और मामला सामने आया।
सीसीटीवी फुटेज से खुली चोरी की पोल
इस चोरी का खुलासा तब हुआ जब लोगों ने सीसीटीवी फुटेज की जांच की। सीसीटीवी में साफ देखा गया कि 15 फरवरी की रात करीब 11:45 बजे SI सुजीत कुमार अपने तीन सहयोगियों के साथ थाने में आए और जब्त की गई जीप को धक्का देकर थाने से बाहर ले गए। इसके बाद उन्होंने उसे कबाड़ी से खरीदी गई पुरानी जीप से बदल दिया। इस घटना ने पुलिस विभाग के अधिकारियों को चौंका दिया और जांच का सिलसिला शुरू किया गया।
पुलिस ने शुरू की कार्रवाई
मामला सामने आने के बाद, सदर-टू डीएसपी भास्कर रंजन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए SI सुजीत कुमार और उसके तीन सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया। इसके साथ ही पुलिस ने विभागीय कार्रवाई शुरू करने का ऐलान किया। डीएसपी ने कहा कि इस मामले में दोषियों को जेल भेजा जाएगा और पूरी जांच-पड़ताल की जा रही है। इस मामले में जीप के मालिक रुपेश सिंह की भी संलिप्तता सामने आ रही है, जो बागडोव निवासी है।
इस पूरे घटनाक्रम ने बिहार पुलिस के एक बड़े हिस्से को शर्मसार किया है और यह मामला यह भी दर्शाता है कि पुलिस विभाग में कभी-कभी सत्ताधारी अधिकारी भी अपनी जिम्मेदारी का उल्लंघन कर सकते हैं। इस तरह के मामलों की गहरी जांच होना जरूरी है ताकि पुलिस विभाग की विश्वसनीयता पर सवाल न उठे और अपराधियों को सही सजा मिल सके।