Jamshedpur (Jharkhand) : झारखंड में इंटरमीडिएट के छात्रों को दूसरे कॉलेजों में स्थानांतरित करने के सरकार के फैसले के खिलाफ विरोध की आग अब राजनीतिक रंग में तब्दील होती जा रही है। झामुमो और कांग्रेस के बाद, बुधवार को जनता दल यूनाइटेड (जदयू) भी इस आंदोलन में कूद पड़ा। जमशेदपुर में, छात्र जदयू और इंटरमीडिएट छात्र संघर्ष समिति के संयुक्त तत्वावधान में बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) कार्यालय के मुख्य द्वार पर तालाबंदी कर विरोध-प्रदर्शन किया। इस आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन का नेतृत्व युवा जदयू के प्रदेश प्रवक्ता हेमंत पाठक ने किया।
छात्रों का सरकार पर अन्याय का आरोप
प्रदर्शनकारी छात्रों ने एक स्वर में कहा कि झारखंड सरकार का डिग्री कॉलेजों में इंटर (11वीं-12वीं) की कक्षाओं को बंद करने का निर्णय और सत्र 2024-26 के विद्यार्थियों को जबरदस्ती प्लस टू स्कूलों में भेजने का फरमान पूरी तरह से अन्यायपूर्ण है। छात्रों ने मांग की कि उन्हें उसी कॉलेज में अपनी पढ़ाई पूरी करने की अनुमति दी जाए, जहां उन्होंने अपना नामांकन कराया है। उनका कहना है कि अंतिम छह महीनों में स्कूल बदलना न केवल शैक्षणिक रूप से हानिकारक है, बल्कि यह उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डालेगा।
जदयू का सरकार को उग्र आंदोलन की चेतावनी
युवा जदयू के प्रदेश प्रवक्ता हेमंत पाठक ने इस अवसर पर कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत वर्ष 2026 तक स्कूलों को अपग्रेड करने का निर्देश है, लेकिन सरकार ने इससे पहले ही छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना शुरू कर दिया है। उन्होंने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि छात्रों की मांगें नहीं मानी गईं, तो पूरे राज्य में एक उग्र आंदोलन छेड़ा जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। छात्रों के समर्थन में उतरे हेमंत पाठक ने सरकार के इस फैसले को तानाशाहीपूर्ण बताया और छात्रों के साथ हर कदम पर खड़े रहने का आश्वासन दिया।